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12वें दिन भी नही हुई नीति घाटी सड़क सुचारू , 50 से अधिक लोगो वैकल्पिक मार्ग से करवाया पार

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चमोली जिले की सीमा से जोशीमठ नितिः मलारी सड़क पिछले 12 दिनों से तमक के पास चट्टान टूटने से अवरुद्ध हो गई थी, बीआरओ और प्रशासन के सामने मार्ग सुचारू करना एक चुनौती बना हुआ है सीमांत क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीण लगातार शासन और प्रशासन से सड़क खोलने की गुहार लगा रहे हैं 11 दिनों बाद भी सड़क नहीं खुलने के चलते लोगों ने कहा कि 70 से अधिक लोग ऐसे हैं जो तमक के पास सड़क बंद होने से अपने गांव तक नहीं पहुंच पाए हैं जिसमें महिलाएं बच्चे बुजुर्ग भी हैं ऐसे में शासन और प्रशासन के  प्रति। ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहे हैं, बीआरओ लगातार मौके पर बना हुआ है और तहसील प्रशासन जोशीमठ की ओर से एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी भी लगातार स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि 2 हफ्ते होने को है लेकिन सीमांत क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क सुचारू नहीं हो पाई है ऐसे में सामरिक दृष्टिकोण से सबसे संवेदनशील क्षेत्र नीति मलारी घाटी कैसे खुद को सुरक्षित समझें उन गांव को द्वितीय रक्षा पंक्ति भले कहा जाता हो लेकिन इस तरह के हालातों से निपटने के लिए शासन और प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं है ।

उप जिलाधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी का कहना है कि शनिवार को भी हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई थी लेकिन मौसम खराब होने के चलते हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू संभव नहीं हो पाया वहीं रविवार को वैकल्पिक रास्ते के माध्यम से बीआरओ और प्रशासन की तरफ से 50 से अधिक लोगों को सुरक्षित दूसरी तरफ पहुंचाया गया है उन्होंने कहा कि सोमवार से एनडीआरएफ एसडीआरएफ को भी मौके पर तैनात किया जाएगा और जो भी लोग गांव जाने वाले हैं उन्हें सुरक्षित चमक के पास से पार करवाया जाएगा तब सड़क पर लगातार चट्टान से बॉर्डर आने के कारण बीआरओ काम नहीं कर पा रही है।

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