Home संपादकीय कैसे होगा कर्नल VS तीरथ?

कैसे होगा कर्नल VS तीरथ?

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वही हुआ जिसका डर था, माननीय तीरथ सिंह रावत, मुख्यमंत्री जी को हर हाल में सिंतबर 2021 तक विधानसभा का सदस्य बनना है, परन्तु कानूनन यदि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम का हो तो उप चुनाव नहीं हो सकते हैं, इसलिए गंगोत्री सीट पर उप चुनाव होने की सम्भावना ना के बराबर है, ऐसे में भाजपा हाई कमान किसी ऐसे व्यक्ति को उनके स्थान पर मुख्यमंत्री बना सकती है, जो कि विधानसभा का सदस्य हो, गैर सदस्य को मुख्यमंत्री बनाकर पुनः उस व्यक्ति को विधानसभा सदस्य 6 माह के अंदर बनाना पड़ेगा, इसलिए विधायकों में से किसी भी सदस्य की ताजपोशी मुख्यमंत्री के रूप में हो सकती है, ताकि नए मुख्यमंत्री को 7-8 माह का समय अपनी छाप छोड़ने को मिल सके।
असल में प्रदेश में भाजपा के अधिकतर कानूनी सलाहकार सरकार या संगठन में कांग्रेसी मानसिकता के हैं,

अगर क़ानूनदा को यह ज्ञात था कि गंगोत्री उप चुनाव लोक प्रतिनिधित्व की धारा(Representation of the people Act) 151ए के कारण नहीं हो पाएंगे, तो तीरथ जी की ताजपोशी से पहले यह जानकारी पार्टी हाई कमान को क्यों नहीं दी गयी, यही चूक पूर्व मुख्यमंत्री जी से भी विगत में हुई, उन्होंने भी अधिकांश सरकारी वकीलों की भर्ती कांग्रेस से ही की, नतीजा यह हुआ कि हाइकोर्ट में उनके विरुद्ध सी०बी०आई० जांच तक के आदेश हो गए। पता नहीं क्यों भाजपा के नेता कांग्रेस के लोगों के सम्मोहन में फंस जाते हैं, वो भी हरीश रावत जी के करीबी लोगों के।
संदर्भ—- Representation of the People Act, 1951

हरीश पुजारी की कलम से—-

(लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं )