गोपेश्वर (लक्ष्मण सिंह नेगी)चमोली बर्ड र्वाचिंग के लिए केदारनाथ नाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के द्वारा पांच दिवसीय वर्ड वाचिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न गांव के स्थानीय नौजवानों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया प्रशिक्षण के दौरान 123 प्रकार की पक्षियों की पहचान हो सकी उन्हें स्थानीय नाम एवं वैज्ञानिक नामों से जानकारी दी गई मुख्य प्रशिक्षक के रूप में यशपाल नेगी उखीमठ के द्वारा प्रशिक्षकों को व्यापक जानकारी दी गई केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र मंडल चोपता तुग नाथ त्रिजुगीनारायण देवरिया ताल आदि क्षेत्रों में इन दिनों प्रवास करने वाली पक्षियों की पहचान से शिक्षण प्राप्त करने वालों को रूबरू कराया गया। प्रशिक्षण के दौरान उच्च हिमालयी और मध्य हिमालयी में पायी जाने वाली पक्षियों की दिनचर्या उनके प्रजनन की जानकारी भी दी गई मुख्य प्रशिक्षक यशपाल नेगी ने बताया कि गर्मियों के समय में सभी पक्षियों प्रजनन के लिए इन क्षेत्रों में पहुंचती है इनकी संख्या 350 से अधिक है उन्होंने बताया कि स्वयं पिछले 20 वर्षों से पक्षियों के पहचान के लिए काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से भी पक्षियों के प्रजनन पर प्रभाव पड़ रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रेंज अधिकारीउखीमठ पंकज ध्यानी ने बताया कि अधिकांश प्रशिक्षक पक्षियों के बारे में बारीकियों से जानकारी प्राप्त कर पाए 40 प्रजातियों की पहचान मुख्य रूप से प्रशिको ने प्राप्त करने वाले लोगों ने स्वयं तैयार की है। इस मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी के इंदर सिंह नेगी कहां की हमारा प्रयास है कि प्रकृति के संरक्षण के साथ स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा देना है जिससे कि गरीब से गरीब लोगों को प्रकृति का लाभ मिल सके उन्होंने कहा कि होमस्टे के साथ स्थानीय वन्यजीवों पक्षियों वनस्पतियों का स्थानीय लोगों को ज्ञान होना आवश्यक है आज के समय में हमें वैश्विक रूप से हमें तैयार होना पड़ेगा कि हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर से लोगों की जानकारी के अनुरूप हमें स्थानी गाइड़ तैयार करने होंगे उन्होंने कहां की पूरी जानकारी हो सके। इस मौके पर जनदेश के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी ने पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा प्रकृति संरक्षण आवश्यक है हमारी जैव विविधिता के संरक्षण में पक्षियों का अहम योगदान है हमें उनके संरक्षण समर्थन के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए लगातार वन अग्नि के कारण पक्षियों के प्रजनन बच्चों के संरक्षण में परेशानियां आ रही है वनों के आग के कारण वन्य जीव एवं पक्षियों का नुकसान हुआ है साथी ही हमें वनों में होने वाले अवैध पक्षियों एवं पशुओं के शिकार को भी रोकना होगा जितनी भी लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं वही प्रकृति संरक्षण के सच्चे प्रहरी के रूप में काम कर सकते हैं हमें स्थानीय स्तर पर ज्ञान के संरक्षण के साथ प्रकृति के संरक्षण में योगदान देना चाहिए। इस कार्यक्रम के प्रशिक्षक के रूप में भरत सिंह पुष्पावाण, दिनेश वजबाल, दिनेश नेगी, हरीश मैठानी, प्रभात बिष्ट रेंज अधिकारी गोपेश्वर बलवीर सिंह नेगी उपस्थित थे। 32 लोगों ने प्रशिक्षण में भाग लिया।
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