कर्णप्रयाग,मेलो से न सिर्फ हमारी संस्कृति का संरक्षण होता है बल्कि हमारी परंपराएं भी मेले के कारण जिंदा है खासतौर से नंदा देवी हरियाली मेला इसका उदाहरण है इसीलिए मेलों को संस्कृति और परंपरा का ध्वज वाहक कहा जा सकता है।
नौटी में आयोजित तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ करते हुए करणप्रयाग प्रमुख चंदेश्वरी देवी ने कहा के मेले संस्कृति और परंपरा को बचाने में अहम योगदान दे रहे हैं यहां आयोजित मेला मां नंदा को चैत के महीने का कलेऊ देने की परंपरा के द्योतक है।
आज विश्व वानिकी दिवस भी है और विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर वन विभाग ने भी अपनी भूमिका निभाई। इस मौके पर क्षेत्र के 25 महिला मंगल दल ने प्रतिभाग किया महिला मंगल दलों की महिलाओं ने वनों को बचाने कृषि के क्षेत्र में अपना योगदान और पलायन को लेकर नाटकों का मंचन किया कई महिला मंगल दलों ने नंदा देवी की डोली यात्रा का भी मंचन किया । मेला समिति के अध्यक्ष भुवन नौटियाल ने सभी का आभार जताया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत के सदस्य विनोद नेगी, जगदीश प्रसाद बहुगुणा, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य समीर मिश्रा, श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य अरुण मैठाणी, हर्षवर्धन नौटियाल, कैलाश नौटियाल, सुभाष नौटियाल, भरत सिंह रावत, त्रिलोक सिंह रावत, मुकेश नेगी, मनोज भट्ट, भागचंद केसवानी, विक्रम चौधरी पुष्कर सिंह , हरेंद्र चौधरी क्षेत्र के सम्मानित क्षेत्र पंचायत ग्राम प्रधान मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी रावत और पवन रावत ने संयुक्तरूप से किया।
*वन मंत्री ने फोन पर किया संबोधित
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने नंदा देवी हरियाली मेले का शुभारंभ करना था लेकिन वह विपरीत मौसम के कारण नहीं पहुंच पाए उन्होंने मोबाइल से जनता को संबोधित किया साथ ही उन्होंने नंदा सैनी स्थित वन विभाग के विश्राम गृह में अतिरिक्त कक्ष बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि अब हम नंदा वनों का निर्माण करेंगे जिससे लोगों को मां के नाम से संरक्षित रखें।
*पर्यावरण के क्षेत्र में किया गया सम्मानित*
मेले में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में योगदान देने वाले पंचायत संपन्न सनोज नौटियाल सत्येंद्र भंडारी लक्ष्मण सिंह नेगी मनोज सती द्वारिका प्रसाद देवली जितेंद्र कुमार सती श्रीदेवी नौटियाल पवन रावत महेंद्र सिंह राणा एवं मंगल उपरांत स्वर्गीय जगत सिंह चौहान को सम्मानित किया गया इस अवसर पर वन पंचायत नौटी, कल्याडी, नैणी, जाख़, पुडियाणी किरशाल, माथर, पेब, मालई, बिसौना, पुनगांव आदि ग्राम पंचायतों को वन विभाग ने सम्मानित किया।