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हंसकोटी गांव में पहली बार पारंपरिक पांडव महायज्ञ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का किया गया आयोजन। लोक गायकों व कलाकारों ने लोगों का खूब किया मनोरंजन।

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नारायण बगड :नारायणबगड प्रखंड के
हंसकोटी गांव में आयोजित नौ दिवसीय पांडव महायज्ञ के तीसरे दिन लोककलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
रविवार से हंसकोटी गांव में चल रहे नौ दिवसीय पांडव महायज्ञ में इस बार एक नई पहल की शुरुआत की गई जिसके लिए पांडव महायज्ञ लीला से अलग विशाल पांडाल सजाया गया है। और इस मंच पर राज्य भर के प्रसिद्ध लोकगायकों और कला मंच से जुड़ कलाकारों ने लोक गीतों की प्रस्तुति से सबका मनोरंजन कर खूब वाहवाही बटोरी।
तीसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शुरुआत में मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख यशपाल सिंह नेगी,पूर्व ग्राम प्रधान एम एन चंदोला,ग्राम प्रधान नलिनी देवी,पीडी चौदोला, दर्शन सिंह मनेषा आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज किया।सबसे पहले राइका हंसकोटी की छात्राओं ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत से स्वागत किया।इसके बाद इसी विद्यालय की छात्राओं ने झुमेलो की लाजबाव प्रस्तुतियां दी। बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद सबसे पहले लोकगायक प्रदीप बुटोला ने मधुबनै मा मुरूली बज्यै दे,नौ सुर्या मुरली एवं लोकगायक दिनेश सिंह नेगी में जै बद्री विशाल बोला,जै बद्री विशाल की शानदार भजन की प्रस्तुति से दर्शकों को भक्तिमय होकर झूमने को मजबूर कर दिया। इसके बाद पिंडर घाटी की विश्व प्रसिद्ध बधाणी संस्था ने कृषि पर आधारित पांडव नृत्य की प्रस्तुति दी। स्थानीय लोक गायिका अंजलि बिष्ट ने पहली बार अपने क्षेत्र में कनु भलो लगदू मेरो चमोली गढ़वाल, पिंडर घाटी को डंडों पाणी रे जैसा गीत गाकर खूब वाहवाही लूटी।इसके बाद युवा दिलों की धड़कन बन चुके दर्शन फरस्वाण ने मंच संभाला तो दर्शकों ने नाचते हुए थकने का नाम नहीं लिया। उन्होंने जै नंदा अपने गीतों की श्रृंखला का आगाज किया। इसके बाद नरेन्द्र सिंह नेगी जी के साथ स्याली रामदेई जैसा लोकप्रिय गीत गाने वाली अंजलि खरे ने उसी स्याली रामदेई गीत को गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर खूब तालियां बटोरी। स्थानीय लोकगायक सुनील कोठियाल के गीतों पर दर्शक जमकर थिरके।पहली बार एक साथ इसते सारे कलाकारों ने हंसकोटी क्षेत्र में मंच सांझा कर उपस्थित जनसमूह का शानदार मनोरंजन कर खूब वाहवाही बटोरी।इस बीच पांडवों के पश्वाओं ने भी अवतरित होकर नृत्य किए और दर्शकों और श्रद्धालूओं को दर्शन देकर आशीर्वाद दिए।