चमोली: ग्रामीण क्षेत्र में वन सरक्षण के क्षेत्र में सबसे सजग प्रहरी वन पंचायत सरपंचों की ओर विभिन्न विषयों को लेकर केदार नाथ वनप्रभाग, बद्रीनाथ वन प्रभाग एवम अलकनन्दा प्रभाग के अधिकारियों के साथ वन पंचायतों के सम्बंध में वार्ता की गई,
विकासखंड दसौली वन पंचायत परामर्शदात्री संगठन के अध्यक्ष किशन सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में गोपेश्वर में बैठक आहूत की गई जिसमें संगठन का विस्तार करते हुए बताया गया की संरक्षक के रूप में हेमानंद सती, उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह नेगी और पुष्पेंद्र सिंह, सचिव के रूप में यशवंत सिंह बिष्ट ग्राम सरतोली,कोषाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, संगठन मंत्री सत्येंद्र सिंह रावत, मंत्री सरोजनी देवी, मंत्री मनीशा देवी और सलाहकार के रूप में बच्चन सिंह रावत और राकेश मैथानी को मनोनीत किया गया की बैठक के।
वन पंचायत सरपंचों ने विभागीय अधिकारियों के सामने बात रखते हुए बताया कि आए दिन जंगलों के संरक्षण के लिए विभागों द्वारा वन पंचायत सरपंचों को समय-समय पर अहम जिम्मेदारियां सोपी जाती हैं लेकिन उसके सापेक्ष उन्हें किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिल पाती हैं वहीं वन विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के बारे में भी सरपंच की कोई मध्यस्थता नहीं होती है ऐसे में उन्हें अपनी जिम्मेदारी का निर्माण करते समय कई परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है सरपंचों ने विभागीय अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं रखी और फायर सीजन के साथ-साथ अन्य सरकारी योजनाओं के संचालन में किस तरह से सरपंचों की अहम भूमिका होती है उससे अवगत करवाया