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देवसारी जल विद्युत परियोजना का विरोध

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थराली : 7फरवरी को तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के बाद विद्युत परियोजनाओं में कार्य कर रहे सैकडों कर्मचारी, मजदूर लापता हो गय है जिसके बाद देवाल क्षेत्र में भी देवसारी जल विद्युत परियोजना के खिलाप विरोध की आवाज उठने लगी है।

चमोली जिले के देवाल विकास खंड में पिंडर नदी पर प्रस्तावित 172 मेगावाट देवसारी जल विद्युत परियोजना का विरोध एक बार फिर से शुरू होने लगा हैं। इसके लिए बुधवार को महिला कांग्रेस कमेटी ने बकायदा एक प्रस्ताव पारित कर परियोजना के विरोध का निर्णय लिया गया हैं।

इस अवसर पर देवाल की पूर्व प्रमुख व कांग्रेस पार्टी की बदरीनाथ विधानसभा प्रभारी उर्मिला बिष्ट ने कहा कि पहाड़ों में इस तरह की बढ़ती घटनाए बेहद चिंताजनक है।  2013 व विगत दिनों जोशीमठ में घटित घटना से स्पष्ट हो गया है, कि पहाड़ों में अनावश्यक प्रकृति से छेड़छाड़ बेहद घातक हो सकता हैं। उन्होंने कहा कि जिससे तेज़ी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है, उससे बेहद संवेदनशील इस क्षेत्र में बड़े बांध बनाना एक आत्मघाती कदम होगा। जैसा कि जोशीमठ के ऋषिगंगा व धौलीगंगा में बन रही बांध आधारित जल विद्युत परियोजनाओं के आपदा के बाद के स्वरूप को देख कर लगाया जा सकता हैं।

कांग्रेस की ब्लाॅक अध्यक्ष पुष्पा नेगी ने कहा कि सरकार को उत्तराखंड में प्रस्तावित बड़े बांधों व बड़ी बिजली परियोजनाओं के निर्माण नदियों में आ रहे जलजलों को देख कर  पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से  पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी पर 172 मेगावाट की देवसारी जल विद्युत परियोजनाए का निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। जो कि पूरी तरह से बांध आधारित बिजली परियोजनाओं में सुमार हैं। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार पिंडारी ग्लेशियर भी देश के बड़े ग्लेशियरों में तो सुमार हैं और अतिसंवेदनशील ग्लेशियरों में भी शामिल हैं। ऐसी स्थिति में इस नदी का पानी बांध से रोक कर परियोजना बनाना भविष्य में घातक साबित हो सकता हैं। इस लिए एसजेवीएनएल की देवसारी बिजली परियोजना पर भी गंभीर से पुनर्विचार किये जाने के साथ ही स्थगित किए जाने की मांग करते है। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो कांग्रेस पार्टी ग्रामीणों के साथ मिल कर परियोजना के विरोध करने के लिए विवश होगी। इस मौके पर  महिला कांग्रेस की ब्लॉक अध्यक्ष पुष्पा नेगी, देवाल की जेष्ठ प्रमुख संगीत बिष्ट, उमा देवी, गीता बागड़ी, हेमा देवी, पार्वती गाडियां, कली देवी, पुष्पा मिश्रा, बिमला देवी, खगोती देवी, राजुली देवी, अनीतादेवी, सुनीता, पदिमा देवी, रेखा देवी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।