Home उत्तराखंड जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की मासिक बैठक

जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की मासिक बैठक

20
0

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की मासिक बैठक शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में हुई। जिसमें सभी बैकर्स को सरकार की ओर से प्रायोजित ऋण योजनाओं के अन्तर्गत समिति से स्वीकृत ऋण प्रस्तावों पर शीघ्र ऋण आवंटन करने के सख्त निर्देश दिए गए। साथ ही ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के लिए बैकर्स को विशेष कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया गया।

जिलाधिकारी ने बैकर्स एवं संबधित विभागीय अधिकारियों के साथ ग्रामीण और शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सजृन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, पर्यटन स्वरोजगार योजनाओं एवं सीडी रेश्यों की गहनता से समीक्षा की। समीक्षा में यह बात सामने आई कि जिला स्तर पर साक्षात्कार के बाद स्वीकृत ऋण प्रस्तावों पर बैंकों से ऋण नही दिया जा रहा है। बैंको की इस कार्यप्रणाली पर नाराज जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित बैंक शाखा प्रबंधकों को ऋण नहीं दिए जाने का स्पष्ट कारण बताना होगा। उचित कारण न पाए जाने पर संबधित बैंक शाखा प्रबंधक के खिलाफ कडी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी लाभार्थी के प्रमाण पत्रों में कोई कमी होती है तो उसको रिजेक्ट करने से पहले बैकर्स संबधित विभाग से अवश्य समन्वय करें और जिन आवेदन को निरस्त किया जा रहा है उसका कारण भी बताएं। बैकों को भेजे गए प्रस्तावित ऋण आवेदनों की शाखा प्रबंधकों से सही सही जानकारी न होने पर जिलाधिकारी ने फटकार लगाते हुए शाखा प्रबंधकों को फिर से 1 सितंबर को पूरी जानकारी के साथ तलब किया है।

जिलाधिकारी ने बैकों के ऋण जमा अनुपात की धीमी प्रगति पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने बैंकर्स और विभागीय अधिकारियों को तालमेल बनाकर ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा कि सरकार की जो भी योजनाएं किसानों, गरीब जनता के लिए लागू हैं उनका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए बैंक और विभाग आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना सुनिश्चित करें। बैंकर्स अपनी मासिक कार्ययोजना तैयार कर उसके अनुरूप कार्य करें। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी बैंक निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं करेगा उसके खिलाफ रिजर्व बैंक एवं शासन को लिखा जाएगा। आरबीआई ने बैंको का न्यूनतम सीडी रेश्यों का मानक 40 प्रतिशत निर्धारित किया है। जिले के 18 बैंको में से 13 बैंको का सीडी रेश्यों 40 प्रतिशत से कम पाया गया।
मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बैंकों को कृषि, लद्यु उद्योग, सेवा व्यवसाय आदि प्राथमिक सैक्टर में अधिक से अधिक ऋण आवंटन कराने पर जोर दिया। कहा कि बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए जो लक्ष्य दिया गया है उसको हासिल कर ऋण वितरण सुनिश्चित करें। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैंकों को 766 आवेदन पत्र भेजे गए थे जिसमें से केवल 55 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत कर 7 प्रतिशत उपलब्धि रही। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में बैकों को 59 ऋण आवेदन भेजे गए और बैकों ने अभी तक 6 ऋण आवदेन ही स्वीकृत करें, जो चिन्ताजनक है।
लीड बैंक प्रबन्धक प्रताप सिंह राणा ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि जून के सापेक्ष जुलाई में जिले का सीडी रेश्यों में 0.36 प्रतिशत बढा है। जिले के 18 बैंकों में से केवल 5 बैंकों का ही सीडी रेश्यों मानक के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक है। जिले में 116 बीसी एवं 227 आईपीपीबी के माध्यम से बैंकिग सेंवाएं दी जा रही है और पूरा जिला बैंकिंग सुविधा से संतृत्प हो चुका है। ऋण योजना के तहत जुलाई तक प्राथमिक क्षेत्र में 9.65 प्रतिशत तथा गैर प्राथमिक क्षेत्र में 42.75 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है। एनआरएल के तहत 7 प्रतिशत, एनयूएलएम के तहत 14 प्रतिशत, पीएमईजीपी के तहत 21 प्रतिशत, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 18 प्रतिशत तथा एससीपी के तहत 4 प्रतिशत उपलब्धि बैंको ने हासिल की है।
किसान उत्पादक संगठन के बारे में जानकारी देते हुए डीडीएम नाबार्ड अभिनव कापडी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा पूरे देश में 10 हजार किसान संगठन बनाने की योजना है। इस योजना के तहत जिले के किन्ही दो ब्लाक में क्लस्टर और फसल का निर्धारण करते हुए दो किसान उत्पादक समूह बनाए जाने का लक्ष्य मिला है। पहाडी क्षेत्रों के लिए 100 से 200 किसानों का समूह बनाया जाना है। घाट एवं देवाल ब्लाक में आलू की अधिक उत्पादकता को देखते हुए जिलाधिकारी ने इन दोनों ब्लाकों में किसान उत्पादक समूह बनाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे, एलडीएम पीएस राणा, डीडीएम नाबार्ड अभिनव कापडी, डीडीओ एसके राॅय, जीएम डीआईसी डा. एमएस सजवाण, एपीडी सुमन बिष्ट, बैंकों के शाखा प्रबन्धक सहित सभी रेखीय विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।