Home उत्तराखंड मंत्री के आश्वासन के तीन वर्षों बाद भी नहीं खुला पशु चिकित्सालय

मंत्री के आश्वासन के तीन वर्षों बाद भी नहीं खुला पशु चिकित्सालय

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विधान सभा सत्र में बदरीनाथ विधायक की ओर से पूछा गया सवाल व मंत्री की ओर से दिये गये उत्तर की छात्राप्रति।
  • यूँ पशु पालन से कैसे सुधरेगी पशु पालकों की आर्थिक स्थिति
विधान सभा सत्र में बदरीनाथ विधायक की ओर से पूछा गया सवाल व मंत्री की ओर से दिये गये उत्तर की छात्राप्रति।

गोपेश्वर। राज्य सरकार की ओर से पशु पालन के बूते स्वरोजगार और स्वरोजगार के बूते पलायन रोकने के भले ही दावे किये जा रहे हैं। लेकिन चमोली जिले के बंड क्षेत्र में सरकार के दावों की पोल खुल रही है। यहां 36 से अधिक गांवों वाले बंड़ क्षेत्र में विधानसभा सत्र के दौरान पशुपालन मंत्री की ओर से दिये आश्वासन के तीन वर्ष बाद भी पशु चिकित्सालय नहीं खुल सका है। जो सरकार की योजनाओं के सफल क्रियांवयन को लेकर बड़े सवाल खडे़ कर रहा है।

चमोली के दशोली ब्लॉक के बंड क्षेत्र का बड़ा हिस्सा ग्रामीण है। ऐसे में यहां निवास करने वाले 80 फीसदी ग्रामीणों को मुख्य व्यवसाय पशुपालन व कृषि है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां 15 वर्षों से पशु चिकित्सालय खोलने की मांग की जा रही है। लेकिन वर्तमान तक चिकित्सालय को लेकर को पुख्ता जमीनी कार्य नहीं हो सका है। बंड संगठन के अध्यक्ष शम्भू प्रसाद सती और अतुल शाह ने बताया कि शासन की ओर से वर्ष 2017 में पशुपालन विभाग से क्षेत्र में पशु चिकित्सालय का प्रस्ताव मांगा गया था। लेकिन प्रस्ताव भेजे जाने के बाद से योजना ठंडे बस्ते में पड़ी रही। ऐसे में ग्रामीणों की मांग पर बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने वर्ष 2019 के विधानसभा सत्र के दौरान पशुपालन मंत्री रेखा आर्य से मामले की लिखित जानकारी मांगी। जिस पर सत्र के दौरान पशुपालन मंत्री द्वारा शीघ्र कार्रवाई कर बंड क्षेत्र में पशु चिकित्सालय खोलने की बात कही गई। लेकिन आश्वासन के बाद तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी यहां पशु चिकित्सालय खोलने को लेकर कोई जमीनी कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। चिकित्सालय न होने से यहां ग्रामीणों को मवेशियों के बीमार होने पर चमोली और जोशीमठ की दौड़ लगानी पड़ती है। जो ग्रामीणों के भारी आर्थिक नुकसान का सौदा साबित हो रहा है। ऐसे में पशु पालन को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक विकास के सरकारी दावों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

बंड क्षेत्र में पशु चिकित्सालय खुलने से लाभान्वित होंगे ये गांव—
बिरही, हाट जैंसाल, बाटुला, कौडिया, मायापुर, दिगोली, श्रीकोट, लुहां, महरगांव, किरूली, गडोरा, कम्यार, भीड, रैतोली, सल्ला, अगथल्ला, नौरख, पीपलकोटी, मठ, झडेता, गुनियाला, बजनी, बेमरू, स्यूण, गणाई, मोल्टा, दाडमी, टंगणी तल्ली, टंगणी मल्ला, जलग्वाड, पाखी, गरूड गंगा, ह्यूणा, पोखनी, लांजी सहित अन्य गांवो के पशुपालकों को लाभ मिलेगा।