Home उत्तराखंड 49साल बाद मिली नाव

49साल बाद मिली नाव

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1971 तक दुर्मिताल में होती थी वोटिंग,

1971 की बाढ़ के बाद ध्वस्त हो गया थ दुर्मिताल,
स्थानीय जनप्रतिनिधयों ने एक बार फिर से दुर्मिताल के पुनर्निमाण की उठाई जाने लगी है मांग
दुर्मिताल के निर्माण से दशोली के निजमूला घाटी में सृजित हो सकते हैं रोजगार के अवसर

 


दशोली ब्लाॅक के निजमूला घाटी में दुर्मिताल के पुनर्निर्माण के जनजागरण अभियान का शुभारम्भ किया गया इस अवसर पर निजमुला घाटी के सभी जनप्रतिनिधियों ने एक नए संकल्प के साथ एदुर्मिताल के पुनर्निमार्ण का संकल्प दोहराया ए1971 की बाढ़ में दुर्मिताल पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया थाएजिससे इस छेत्र का अस्तित्व ही मिट गया था एउससे पूर्ब जब यह ताल अपने अस्तित्व में थाएउस समय प्रति बर्ष लाखों लोग यहां घूमने आया करते थे एइस छेत्र के 10 गावों के लोगों का रोजगार इस ताल से जुड़ा हुआ था एअब यह छेत्र पलायन की मार झेल रहा हैएइसी निमित ए1971 में जब यह ताल अतिबृष्टि से टूट गया थाएतब इस ताल में एक किस्ती दब गई थी

यहाँ पर एक किस्ती घर था एजिससें किस्तियाँ रहती थी एलेकिन एउस बाढ़ में अन्य किस्तियाँ बह गई थी और एक किस्ती इसी टूटे ताल के मलबे में दब गई थी एकल इसी कार्यक्रम के तहत उस दबी किस्ती को सभी जनप्रतिनिधियों एवम दुर्मि एवम पगना गावँ के युवकों के सहयोग से 3 घंटे की मेहनत से इस दबी किस्ती को निकाला गया जो कि कुछ टूटी अवस्था मे मिली एगावँ के बुजुर्ग नारायण सिंह जिनकी अवस्था 80 बर्ष से अधिक हैं वो बताते है कि यह लगभग 5 किलोमीटर लंबा तालाब थाएजिसमे बहुत सारी किस्तियाँ चलती थीएजिसमे हजारों पर्यटक तालाब में नोकायन करते थे एसाथ उन्होंने बताया कि यहाँ पर एक किस्ती घर था जिसमे बहुत सारी किस्तियाँ थी जो 1971 की बाढ़ में दब गई थीए एकल इसी निमित दुर्मिताल के पुनर्मनिर्माण के लिए जनजागरण अभियान का सुभारम्भ किया गया एइसमें एनिमजूला घाटी के सेंजीएगाड़ीएब्याराएथोलिएनिजमुलाएगौनाए दुर्मिएपगनाए ईरानी पाना झिंझि के जनप्रतिनिधि एवम स्थानीय लोग उपस्थित रहे एइस अवसर पर पाना के प्रधान श्रीमती कलावती देवी एदुर्मि की प्रधान एकविता देवीएदुर्मि के पूर्ब प्रधान लक्ष्मण खातीएदशोली ब्लॉक की ज्येष्ठ उपप्रमुखः श्रीमती माहेष्वरी देवी एगौना के हुकुम बर्तवालएईरानी के पूर्ब छेत्र पंचायत सदस्य मोहन पहाड़ी एदुर्मि युवक मंगल दल के अध्यक्ष प्रेम सिंह एधीरज सिंहए उमेश चंद्र थपलियाल गोपाल गुसाईं जी एएवम अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे