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भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व सीएम खंडूडी के करीबी विनोद आप में हुए शामिल

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  • दो दशक के भाजपा का साथ छोड़ने से राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज
  • दो बार जिलाध्यक्ष सहित भाजपा में विभिन्न पदों का निवर्हन कर चुके हैं विनोद

गोपेश्वर। चमोली जिले में भाजपा के मजबूत स्तम्भ रहे पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेवा निवृत्त) भुवन चन्द्र खण्डूरी के करीबी रहे विनोद कपरुवाण ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने आज दिल्ली के उप मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विधिवत आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। विनोद कपरुवाण के भाजपा छोड़ने को लेकर राजनीति हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। एक ओर जहां कुछ लोग उनके पार्टी छोड़कर जाने को सामान्य प्रक्रिया कह रहे हैं। वहीं कुछ राजनीतिक जानकार इसे पार्टी के लिये नुकसान बता रहे हैं।
विनोद कपरुवाण के सक्रीय राजनैतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1991 में भाजपा में सक्रीय कार्यकर्ता के रुप में हुई। जिसके बाद 1993 में पार्टी की ओर जिला युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रहे। जिसके बाद उनके कुशल प्रबंधकीय क्षमता को देखते पार्टी की ओर उन्हें वर्ष 1996 में युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। युवा मार्चा में उनके बेहतर कार्यों और पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए पार्टी की ओर से उन्हें वर्ष 1998 से 2001 जिला महामंत्री का दायित्व सौंपा गया। वर्ष 2012 से 2016 तक विनोद कपरुवाण ने जिलाध्यक्ष के रुप में चमोली जिले में पार्टी संगठन को मजबूत करने का कार्य किया। कपरुवाण के अध्यक्ष रहते हुए जहां राज्य में भाजपा जिला पंचायतों में जीत दर्ज नहीं कर पाई थी। वहीं उनके कुशल नेतृत्व के चलते मुन्नी देवी शाह की चमोली जिला पंचायत की कुर्सी ताजपोशी हुई थी। जो उनके कुशल प्रबंधकीय नेतृत्व की क्षमता को प्रदर्शित करती है। ऐसे में दो दशकों तक पार्टी में विभिन्न स्तर पर बखूबी जिम्मेदारी निभा चुके कपरुवाण को लेकर प्रदेश पार्टी संगठन की अनदेखी के चलते उन्होंने भाजपा का दामन छोड़ दिया है। अब राजनीति के जानकार उन्हें बदरीनाथ विधानसभा से आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये जहां बदरीनाथ विधानसभा आप का प्रत्याशी मान रहे हैं। वहीं उनकी कुशल प्रबंधकीय क्षमता को देखते हुए जिले की तीनों विधानसभा के लिये प्रत्याशियों के चयन से लेकर संगठन विस्तार के अगुवा के रुप में देख रहे हैं।

 

पार्टी के बुरे दौर में संगठन की मजबूती से लेकर जीत तक कार्य करने के बाद वर्तमान में पार्टी जब अपने चरम पर है। कार्यकर्ताओं की अनदेखी और मनमानी से आहत होकर यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार की ओर से किये जा रहे विकास कार्य और उनके दृष्टिकोण को उत्तराखंड के विकास के लिये उपयोग करने की मंशा से आम आदमी पार्टी की सदस्ता ली है। – विनोद कपरुवाण