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गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित करना विभिन्न जिलों की मांग को पीछे धकेलना सरकार की मंशा

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वीरवार को गैरसैंण (भराड़ीसैंण) प्रस्तुत बजट को आम राज्य निर्माण के बाद का सबसे खोखला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार की महंगाई कम करने को जहां पैट्रोलियम पदार्थों पर राज्य के वैट का हिस्सा कम करना चाहिए था वो नहीं किया गया है। जो जनता के प्रति सरकार की संवेदशीलता को प्रदर्शित करता है।
वीरवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने गोपेश्वर पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां एक ओर सरकार की ओर से रस्म अदायगी का बजट पेश किया है। वहीं गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित करने को सरकार की विभिन्न जिलों की मांग को पीछे धकेलने का प्रयास बताया। वहीं उन्होंने सरकार की ओर से 7 लाख रोजगार उपलब्ध कराने पर कहा कि सरकार 70 हजार युवाओं को रोजगार देने की सूची उपलब्ध नहीं करा सकती है। क्योंकि सराकर 4 वर्षों के कार्यकाल में 10 हजार युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध नहीं करा पाई है। कहा सरकार की विफलता कैग की रिपोर्ट से स्पष्ट होती है। जिसमें सरकार की ओर से बीते वर्ष के बजट का 40 फीसदी भी खर्च न कर पाने की बात स्पष्ट हो रही है। वहीं उन्होंने बजट में डोबराचांटी और जानकी सेतु निर्माण को उपलब्धि बताने पर कहा कि दोनों पुलों का निर्माण पूर्ववर्ती सरकार की ओर से किया जा चुका था। ऐसे में उन्होंने सरकार पर पिछली सरकार के कार्यों को उपलब्धि के रुप में बताने का आरोप लगाया है। वहीं उन्होंने दीवालीखाल लाठीचार्ज को सरकार के इंटेलीजेंस और प्रशासन का फेलियर बताया है। इस मौके पर कांग्र्रेस जिलाध्यक्ष वीरेंद्र रावत, पूर्व काबिना मंत्री, राजेंद्र भंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी, कुंवर सिंह नेगी आदि मौजूद थे।