Home उत्तराखंड शिकायत निवारण सुशासन का मूल मंत्रः मुख्य विकास अधिकारी

शिकायत निवारण सुशासन का मूल मंत्रः मुख्य विकास अधिकारी

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चमोली:सुशासन सप्ताह-प्रशासन गांव की ओर कार्यक्रम के अन्तर्गत शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में प्रसार कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें लोक शिकायतों का सरलीकरण, समाधान एवं समयबद्वता के साथ निराकरण करने और विकास योजनाओं को प्रभावी, पारदर्शी एवं जवाबदेही तरीके से क्रियान्वयन करने पर जोर दिया गया।

मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि शिकायत निवारण सुशासन का मूल मंत्र है। शिकायत का निवारण न केवल पीड़ित को लाभान्वित करता है, बल्कि प्रशासन को भी बल देता है। उन्होंने अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि किसी भी समस्या को ना कहने के बजाय उसको नोट करें और उसका समाधान ढंूढा जाए। सार्थक संवाद के साथ लोक शिकायतों का निवारण और सेवा वितरण किया जाए। लोक शिकायत निवारण प्रणाली में लंबित शिकायतों का भी समयबद्वता के साथ निराकरण करें। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जिले के लिहाज से जो योजनाएं अनुकूल एवं महत्वपूर्ण हो सकती है, विभाग उसका प्रस्ताव तैयार करें। नई विकास योजनाएं बनाते समय स्थानीय लोगों के सुझाव भी लिए जाए। संशाधनों का प्रभावी उपयोग एवं वितरण करते हुए संचालित योजनाओं का गुणवत्ता के साथ क्रियान्वयन किया जाए। स्थानीय उत्पादों एवं व्यवसायों को बढावा देने के लिए वोकल फॉर लोकल को अपनाया जाए।

मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला ने कार्यशाला में सुशासन के मूल तत्वों को विस्तार से समझाते हुए कहा कि जनता के हित में विभागीय कार्याे की प्रक्रिया, उदेश्य और परिणामों में स्पष्टता जरूरी है। साथ ही प्रक्रियाओं में सबके मत को महत्व देते हुए पारदर्शिता के साथ सहज और सुलभ बनाया जाना चाहिए। कार्याे में जवाबदेही एवं दायित्व निर्धारण के साथ प्रोत्साहन की व्यवस्था भी आवश्यक है। प्रसार कार्यशाला में समस्त विभागीय अधिकारियों ने भी अपने कार्यकाल के दौरान किए गए उत्कृष्ट कार्याे एवं अनुभवों को साझा किया।

प्रसार कार्यशाला में परियोजना निदेशक आनंद सिंह, एसीएमओ डा.एमएस खाती सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।