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जोशीमठ आपदा ने जनपद में अन्य छेत्र के आपदा प्रभावितों को बढाई मदद की आस

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चमोली: जोशीमठ में भुधँसाव के चलते आई दरारों ने कई ऐसी आपदा प्रभावितों की पुनर्वास और विस्थापन की आस बढ़ा दी है जो 2013 से आपदा प्रभावितों की तरह जीवन गुजर बसर कर रहे हो और शासन प्रशासन से लगातार अपना और अपने बच्चों की सुरक्षा की मांग कर रहे हो लेकिन वर्तमान समय तक शासन और प्रशासन की ओर से ऐसी दर्जनों गांव की समस्या के समाधान के लिए केवल तहसील स्तर के कुछ कार्मिकों को भेजकर इतिश्री कर ली गई है

जनपद चमोली की अगर बात करें परशासन की ओर से 70 से अधिक ऐसे गांवों को चिन्हित किया गया है जिन गांव में अतिवृष्टि बादल फटने की घटना और भुधँसाव के चलते रहने जैसे हालात नहीं है । उन गांव को विस्थापन और पुनर्वास के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है आज हम ऐसे ही एक गांव की बात कर रहे हैं वह गांव है हरमनी ग्राम पंचायत का पोल गांव, इस गांव में लगभग 25 परिवार निवास करते हैं सड़क से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जहां इस गांव के लोग लगातार अपनी समस्या के समाधान के लिए शासन और प्रशासन से सड़क की मांग कर रहे हैं वहीं अब गांव वालों के सामने एक बड़ी चुनौती यह खड़ी हो गई है की गांव के अधिकतर घरों में लगातार दरारें बढ़ रही है ग्राम प्रधान सुनीता देवी बताते हैं कि 2013 की आपदा के दौरान बहुत अधिक बारिश हुई थी उसके बाद से गांव में अलग-अलग जगहों पर भुधँसाव की घटनाएं शुरू हुई और गांव की कई घरों में दरारें आना शुरू हुआ, उसके बाद से वर्तमान समय तक ग्रामीणों ने हर स्तर पर अपनी समस्या को शासन और प्रशासन के सामने रखने के लिए पत्राचार किया लेकिन परिणाम शून्य रहा, वही गांव की आपदा प्रभावित कविता देवी बताती हैं कि उनके घरों में लगातार तरारे बढ़ रही हैं और दूसरा कोई विकल्प न होने के कारण आज भी इस तरह के घरों में रहने को मजबूर हैं और छोटा सा भी भूकंप का झटका आता है तो उनके साथ कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है ऐसे में शासन और प्रशासन से यही निवेदन करते हैं कि उनकी इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसके समाधान के लिए कोई स्थाई व्यवस्था की जाए सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र रावत गांव की समस्याओं को लेकर बताते हैं कि एक और तो गांव में सड़क नहीं है जिसके चलते बीमार और बुजुर्गों को गांव से आवाजाही करवाने के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है दूसरी तरफ आपदा की मार झेल रहे ग्रामीणों का जीवन हर दिन हर रात जोखिम में कट रहा है हर घर में दरारे हैं और लोग मजबूरी नहीं उन घरों में रह रहे हैं उन्होंने बताया कि शासन और प्रशासन उन्हें विस्थापन और पुनर्वास करके सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दें ताकि उनके बच्चों के भविष्य के साथ साथ उनका जीवन भी सुरक्षित रह सके
आपदा प्रभावितों में दिलबर सिंह, गब्बर सिंह, विजय सिंह, सुरेन्द्र सिंह, संजय सिंह, पूर्ण सिंह, रचपाल सिंह मंगसीरी देवी, कबूतरा देवी कलावती,मंजू संगीता आदि मौजूद है।