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गैरसेंण जिला, कर्णप्रयाग हो कमिश्नरी की उठने लगी हैं मांग

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गैरसेंण जिला कर्णप्रयाग हो कमिश्नरी की उठने लगी हैं मांग
त्रिवेंद्र सरकार द्वारा गैरसेंण में पहले ग्रीष्म कालीन राजधानी और मार्च 2021 में गैरसेंण केा कमिश्नरी बनाये जाने की घोषणा ने सबको आश्चर्य में डाल दिया था, मार्च 2021 में विधान सभा बजट सत्र के दौरान यानी कहा जा सकता है कि त्रिवेंद्र सरकार के अंतिम दिनों में गैरसेंण कमिश्नरी के फैसले पर कई तरह के सवाल जबाब और प्रतिक्रियायें सामने आयी, रूद्रप्रयाग,चमोली, अल्मोडा को गैरसेंण कमिश्नरी में शामिल किये जाने की घोषणा के बाद अल्मोडा में इसका जमकर विरोध हुआ। वहीं चमोली रूद्रप्रयाग में भी लोगों ने गैरसेंण को जिला बनाये जाने की मांग पर जोर दिये न कि कमिश्निरी बनने का स्वागत किया। ऐसे में उत्तराखण्ड आंदोलनकारी और सामाजिक कार्यकर्ता राजनीतिक विश्लेषक भुवन नौटियाल ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन सौंप कर कर्णप्रयाग को कमिश्नरी और गैरसेंण को जिला बनाये जाने की मांग की है।
गैरसेंण क्यों बने जिला


ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद सत्र के दौरान और राजधानी संबन्धित हर क्रिया कलाप के लिए जिला स्तरीय सभी अधिकारियों को मुख्यालय छोड कर तैयारियों में जुटना पडता है। अकसर देखने को मिलता है कि जब जब गैरसेंणम विधान सभा सत्र हो गया बजट सत्र या फिर ग्रीमकालीन राजधानी के मामले में कार्यवाही सभी में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक के सथा सभी विभागाध्यक्षों को गोपेश्वर से गैरसेंण में व्यवस्थाओं के लिए जुटना पडता है ऐसे में चमोली जिला जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्र के लोग जिला स्तरीय अधिकारियों के सामने अपने समस्या नहीं रख पाते है न हीं अधिकारी आम जनता से जुडी समस्याओ को सुन पाते हैं इसलिए इन समस्याओं को समाधान भी नहीं हो पाता हैं, ऐसे में गैरसेंण को जिला बनाये जाने के बाद ग्रीम कालीन राजधानी हो या फिर गैरसेण्ंा की जानता से संबन्धित समस्याओं के समाधान आसानी से हो पायेंगे। उन्होने यह भी कहा कि गैरसेण अगर जिला बनाया जाता है तो शामिल किये जाने वाले लोगों की अनापत्ति जरूर लेनी चाहिए।

कर्णप्रयाग क्यों बने कमिश्नरी


ग्रीष्म कालीन राजधानी की दृष्टि से मण्डलीय अधिकारियें के कार्यालय भी ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र से बाहर होने के कारण अनेक प्रकार की समस्याऐं होगी ऐसे में कर्णप्रयाग कमिश्नरी का गठन करने पर भ्ज्ञी विचार सामयिक होगा। इसमें गैरसेंण चमोली, रूद्रप्रयाग जनपदों को शािमल किया जाय, कर्णप्रयाग तीनों जिलां का मध्य बिन्दू भी है। कर्णप्रयाग कमिष्नरी होने से बदरीनाथ केदारनाथ, हेमकुण्ड साहिब यात्रा नन्दादेवी राजजात यात्रा का संचालन भी ठीक से हो पायेगा। कर्णप्रयाग से चमोली रूद्रप्रयाग और गैरसेंण जिला मुख्यायल लगभग बराबर दूरी पर होंगे इससे तीनों जिलों की जनता लाभान्वित होगी।