जोशीमठ: जोशीमठ विकास खण्ड के सीमांत गांव रेणी (सलधार) में लगातार हो रहे भू धंसाव से ग्रामीण दहशत में है, गांव के काश्तकारी भूमि में बढ़ रही दरारें ग्रामीणों की चिंता बढ़ा रही है, ख़तरे के आभास को देखते हुए ग्रामीण शाशन ओर प्रशाशन से इसके स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं,
जोशीमठ नीति मोटर मार्ग पर सलधार के पास सड़क निर्माण का कार्य कर रहे कार्यदाई संस्था के सामने भी ग्रामीणों ने अपना विरोध जताया, ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से शाशन ओर प्रशाशन का मकसद केवल सड़क काटना है उससे किसको नुकसान हो रहा है इस पर ध्यान नही दिया जा रहा है उन्होंने मांग की है कि उनके गांव की सुरक्षा के लिए काम किया जाय अन्यथा वे उग्र आंदोलन करेगे।
वही सामाजिक कार्यकर्ता अतुल सती ने बताया कि 7फरवरी 2021 की त्रासदी ने पूरे छेत्र को आपदा ग्रस्त बना लिया है इसके बाद से धौली गंगा के किनारे से लगातार भू धंसाव जारी है इस दौरान जोशीमठ नीति सड़क को भी भारी क्षति पहुँची थी अब सड़क निर्माण के कार्य के दौरान गांव को भी लगातार खतरा बढता जा रहा है गांव में बड़ी बड़ी दरारें देखी जा सकती है इस पर शासन प्रशासन को गम्भीर होना होगा वरना जिस गांव छेत्र ने पर्यावरण को बचाने के लिए विश्व प्रसिद्ध चिपको आंदोलन चलाया था आज वही गांव अनियोजित विकास के कारण भू धंसाव की भेंट चढ़ जाएगा
, बीआरओ के कमांडर कपिल के अनुसार आई आईटी दिल्ली के विशेषज्ञ टीम के सुझाव पर ट्रीटमेंट का कार्य जारी है, लेकिन पानी के स्थायी निकास न होने के चलते समस्या बढ़ रही है जिसके लिए ग्रामीणों को जिला प्रशासन से बात करने के लिए कहा गया है।
चिंता का विषय जोशीमठ मुख्य नगर के साथ सेलङ्ग, रेणी, तपोवन आपदा की दृष्टिकोण से अत्यंत सवेदनशील बन गए हैं लगातार भू धंसाव से बढ़ रही दरारें आने वाले समय मे किस तरह का रूप दिखाएगी इससे सोचकर कर ही लोग चिंतित है, क्योकि यहॉ के लोगों ने इस तरह की दर्जनो घटनाएं देख ली है जिसमें कई लोगो की जान भी गयी हैं। स्थानीय लोग बार बार मामलों में उच्च स्तरीय भूगर्भीय सर्वेक्षण की मांग कर रहे हैं।