सत्संग हो या फिर शास्त्र दोनों ही मनुष्य को पथभ्रष्ट होने से बचाते हैं मनुष्य यदि मन के वशीभूत हो जाए तो वह भ्रमित रहता है और भ्रम की स्थिति में ही वह भले बुरे काम करता है। यह बात अमावस गिरी ने कथा प्रवचन के दौरान कही
चांदपुर पट्टी के ऐतिहासिक गांव नॉटी में आयोजित शिव महापुराण की कथा के दौरान कथावाचक अमावस गिरी महाराज ने कहां की मन की स्थिति पर ही मनुष्य की गति निर्भर करती है जो मनुष्य मन के कहने पर चलता है वह निश्चित ही माया के जाल में फंसता चला जाता है और जो मनुष्य मन को बस में कर लेता है वह इस मायावी संसार में भी मानव होने का अर्थ पूर्ण कर लेता है। बालेश्वर महादेव के महंत महाकाल गिरी महाराज के सानिध्य में हो रही कथा में विपरीत मौसम के बाद भी नॉटी व उसके आसपास के गांव के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया कथा में पुराणाचार्य मनोज नैलवाल, संगीत आचार्य मोहित सती शुभम मैठाणी सहित ग्रामीण पूर्व प्रधान हर्षवर्धन नौटियाल , राजेंद्र सिंह रावत, शांति प्रसाद नौटियाल , उमेश नौटियाल, मुकेश नौटियाल, अरुण मैठाणी, सुभाष नौटियाल, सनोज नौटियाल, अमित नौटियाल, अंकित नौटियाल , अतुल नौटियाल , राजेश चौहान , गजेंद्र नेगी, कल्याण सिंह आदि उपस्थित रहे।
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