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सदन से लेकर सडक तक हंगामेदार रहेगा मानसून सत्र,क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि करेंगे धरना प्रदर्शन व विधानसभा घेराव

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आंदोलनकारी भुवन कठैत भी जमे रहेंगे गैरसैंण में,स्थाई राजधानी घोषित न होने पर सभी विधायकों का करेंगे पुतला दहन।

भराडीसैंण :ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराडीसैंण स्थित विधानसभा में आज से आयोजित हो रहे चार दिवसीय मानसून सत्र के दौरान,जहां मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस तमाम मुद्दों को लेकर सदन को गरमाए रखेगा,वहीं इस दौरान तमाम आंदोलनकारी संगठन ज्वलंत मुद्दों को लेकर सडकों पर आर-पार की लड़ाई लड़ते नजर आएंगे।

एक तरफ कांग्रेस के स्थानीय संगठन ने सड़क शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर विशाल धरना-प्रर्दशन आयोजित करने का ऐलान किया है,वहीं आंदोलनकारी भुवन कठैत ने भी सत्र के दौरान गैरसैंण रामलीला मैदान में गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन की हुंकार भरी है।

वर्तमान मानसून सत्र में जहां एक तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदन में प्रदेश में आई आपदा के बाद प्रबंधन को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी,तो वहीं पंचायत चुनाव में हुई गुंडागर्दी की तमाम घटनाओं पर सरकार को घेरने का काम करेगी,इसके साथ ही हालिया दिनों में निबटे पंचायत चुनावों में आरक्षण नियमावली का पालन न किए जाने का भी मुद्दा गरमाने के आसार हैं। प्रदेश में दिनोंदिन बिगडती कानून व्यवस्था व बढता भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी विपक्षी कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है।

वहीं दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी कांग्रेस सहित आंदोलनकारी संगठन भी विभिन्न मांगों को लेकर सडकों पर दिखाई देंगे। एक तरफ जनप्रतिनिधियों व महिला मंगल दलों के साथ नगर पंचायत गैरसैंण के अध्यक्ष मोहन भंडारी ने 20 अगस्त को गैरसैंण से विधानसभा भराड़ीसैण तक पैदल मार्च व विशाल रैली का आयोजन कर गैरसैंण क्षेत्र की शिक्षा,स्वास्थ्य और सड़कों की बदहाली को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है,जो प्रशासन के लिए बडा सरदर्द खड़ा करने वाला है, इस दौरान विधानसभा घेराव की भी रणनीति बनाई गई है।

दूसरी तरफ पूर्व अनशनकारी भुवन कठायत न गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किए जाने की मांग को लेकर सत्र के चारों दिन गैरसैंण के रामलीला मैदान में धरना-प्रर्दशन के आयोजन का आह्वान कर प्रदेश भर के आंदोलनकारीयों से यहां पहुंचने की अपील की है।उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान यदि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बना दिया जाता है,तो यह आंदोलनकारी और शहीदों का सम्मान होगा,ऐसा न करने पर वह प्रदेश के सभी 70 विधायकों का सामूहिक पुतला दहन किया जाएगा।उन्होंने कहा कि जो भी विधायक गैरसैंण राजधानी की बात सदन में करेगा,उसका पुतला दहन नहीं किया जाएगा।