चमोली: भारत चीन की सीमा को जोड़ने वाले नीति बार्डर हाइवे पर तमक मरखूडा में ऊंची खडी पहाडी से भारी वोल्डर एवं पत्थर गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है। जिस कारण यहां पर बार्डर हाइवे अवरूद्व है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं तहसील प्रशासन की टीम मौके पर है और घाटी के लोगों के आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग तलाशने में जुटी है। एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के साथ घाटी में फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिए दो रास्तों पर विचार किया जा रहा है। इसमें एक मार्ग नदी का है तथा दूसरा मार्ग पहाडी के पीछे से पैदल मार्ग है। जहां से आवगमन हो सकता है। इसके अलावा सुरक्षित आवगमन के अन्य माध्यमों पर भी मंथन किया जा रहा है। क्षेत्र में खाद्यन्न की स्थिति के बारे में जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि मलारी क्षेत्र में सभी राशन की दुकानों तक पहले ही अगस्त माह तक का पूरा खाद्यान्न पहुॅचाया जा चुका है। इसके अलावा वहां पर अवस्थित अन्य दुकानों एवं बीआरओ के पास भी अभी पर्याप्त राशन उपलब्ध है और अभी खाद्यन्न का संकट नही है। घाटी क्षेत्र के गांवों में स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग से मेडिकल टीम भेजने की भी संभावनाएं तलाशी जा रही है। नीति बार्डर हाइवे पर ऊंची पहाडी से वोल्डर एवं पत्थर लगातार गिर रहे है। जिस कारण से बीआरओ की मशीने यहां पर सड़क खोलने का काम नही कर पा रही है।
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