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ओंकारेश्वर मंदिर में वल्ली पांडवों ने केदार बाबा के किए दर्शन केदार घाटी के विभिन्न स्थानों का किया भ्रमण

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विकासखंड पोखरी के ग्राम पंचायत वल्ली में इन दिनों पांडव नृत्य और पांडव लीला की धूम मची हुई है। सोमवार को पांडव द्रोपदी के साथ केदार घाटी भ्रमण के दौरान उखीमठ में मंदाकिनी में स्नान करने के बाद उखीमठ ओंकारेश्वर मन्दिर में बाबा केदारनाथ के दर्शन के बाद कालीमठ में काली की पूजा अर्चना की।
प्राचीन मान्यता के अनुसार
पांडव द्रोपदी के साथ केदारघाटी के गांवों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचे थे। लेकिन भगवान शिव उन्हें दर्शन नहीं देना चाहते थे और पांडवों से दूर-दूर भागते रहे। जबकि पांडव आराध्य शिव का पीछा करते रहे।


महाभारत युद्ध में पांडवों पर गोत्र व गुरु हत्या का पाप लगा था। तब उन्हें महर्षि नारद ने हिमालय भ्रमण कर भगवान शिव के दर्शन करने को कहा था। इसके बाद पांडव द्रोपदी के साथ केदारघाटी के गांवों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचे थे। लेकिन भगवान शिव उन्हें दर्शन नहीं देना चाहते थे और पांडवों से दूर-दूर भागते रहे। जबकि पांडव आराध्य शिव का पीछा करते रहे। भगवान शिव ने पांडवों से बचने के लिए भैंस का रूप धारण कर लिया और केदारपुरी क्षेत्र में विचरण करते हुए भैंसों के समूह में मिल गए। केदारनाथ पहुंचे पांडवों में भीम ने भगवान शिव को पहचान लिया यह देख भैंस का रूप धारण किए हुए भगवान शिव भूमि में धंसने लगे। लेकिन भीम ने भैंस का पृष्ठ भाग पकड़ लिया। इसके बाद भगवान शिव ने प्रसन्न होकर पांडवों को दर्शन देकर गोत्र व गुरु हत्या के पाप से मुक्त किया।


ग्राम प्रधान गीता देवी ने कहा
ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदारनाथ दर्शन के बाद पांडव केदारघाटी के विभिन्न स्थानों का भ्रमण करेंगे
इस अवसर पर पांडव नृत्य की अध्यक्ष अमर सिंह राणा उपाध्यक्ष भरत सिंह रावत ,जगदीश सिंह रावत, दर्शन सिंह पूर्व प्रधान विजय सिंह रावत ,संरक्षक देवेंद्र सिंह रावत सहित तमाम लोग मौजूद थेसहित तमाम लोग मौजूद थे