चमोली : वन रेंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिक जंतर मंत्र से लेकर जिला मुख्यालयों में आंदोलन करने को लेकर रणनीति तैयार करने में जुट गए है
पूर्व सैनिक बोर्ड के नेतृत्व कमेटी के मेंबर सूबेदार मेजर त्रिलोक सिंह. दिल्ली से जिला मुख्यालय गोपेशवर पहुंचे और वन रेंक वन पेंशन को लेकर भविष्य में आंदोलन की रण नीति पर बात की , उन्होंने जनपद स्तरीय पदाधिकारियो से कहा की उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य राज्य है हर परिवार में सैनिक है अपने हितो की लड़ाई के लिए जनपद मुख्यालय ब्लॉक मुख्यालय तहसील मुख्यालय स्तर पर बड़ा आंदोलन करना होगा
सामरिक दृष्टिकोण से भी हम सीमान्त क्षेत्र में रहते है ऐसे में सभी पूर्व सेनिको को अपने हिट की लड़ाई के लिए सड़को पर उतरना होगा
उन्होंने कहा की रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद भी कोई समाधान नहीं मिल पाया
पूर्व सेनिको का आंदोलन अनुशासित तरीके से होना चाहिए
वन रेंक वन पेंशन की विसंगतियों पर सरकार को निर्णय लेने के लिए मजबूर करना होगा ताकि हमारे पूर्व सेनिको का भविष्य सुरक्षित रह सके
सीमाओं पर सबसे बड़ा जोखिम सेना ka जवान होता है जो प्रथम पंक्ति में खड़े होकर देश रक्षा में जान हथेली पर रखता है उन्हें जोखिम भत्ता न के बराबर है
ऐसे में पूर्व सेनिको ने कहा की सरकार को चेतवानी देते है की अगर वन रेंक वन पेंशन के साथ जोखिम भत्ता को लेकर सही निर्णय नहीं हुवा तो देश की सेवा करने वाले सेना के जवानो को सड़को पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा
इस दौरान कैप्टेन बीरेंद्र सिंह कुंवर सिंह दिनेश बर्त्वाल, सुरेंद्र तोपल ,