केदारनाथ मास्टर प्लान के कार्यों को लेकर स्थिति स्पस्ट करे प्रशासन : तीर्थ पुरोहित
तीर्थ पुरोहितों को मिले पूर्व की भांति भूमि का अधिकार
15 तक मांगे न मानी गई तो 16 सितंबर से आंदोलन करेंगे तीर्थ पुरोहित
रुद्रप्रयाग। 16-17 जून 2013 की आपदा के बाद से अभी तक केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों को उनकी भूमि का हक न दिए जाने के अलावा आपदा के बाद बने भवनों को उनके हवाले न किए जाने पर आपत्ति जताई है और 15 सितंबर तक मांग पूरी न होने पर 16 सितंबर से आंदोलन की चेतावनी दी है। केदारसभा के पदाधिकारियों ने कहा की विगत कई वर्षों से धाम में मास्टर प्लान के तहत कार्य चल रहे हैं, लेकिन प्रशासन पुरोहितों से किसी भी प्रकार की राय नहीं ले रहा है। कई भवनों पर खाली करने के नोटिस लगा दिए हैं। सरकार और प्रशासन अपनी नीतियां भी स्पस्ट नही कर रहा है की आखिर धाम में होना क्या है। 2013 की आपदा के बाद से लगभग 75 लोग बिना भवनों के हैं। केदारनाथ के लोगों को पूर्व की भांति अभी तक भूमि का अधिकार नहीं मिल पाया है। उन्होंने यह भी कहा है की आपदा में ध्वस्त भवनों का सही मूल्यांकन नहीं हो पाया है और उन्हें कम मुआवजा मिला है। आज कई लोग अपने भवनों से वंचित हैं, जिस कारण उनके सामने रोजी रोटी का भी अभाव बना हुआ है।
केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा की उनकी सबसे मुख्य मांग यही है की उन्हें भूमि का अधिकार दिया जाय। साथ ही जिनके भवन बन गए हैं, उन्हें भवन दिए जाएं। उन्होंने कहा की सरकार और प्रशासन की नीति स्पस्ट नहीं है, जिस कारण वह असमंजस की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा की लगभग 75 लोगों को आपदा के बाद से भवन नहीं मिल पाए हैं, जिस कारण इन लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट बना हुआ है। उन्होंने कहा की यदि 15 सितंबर तक तीर्थ पुरोहितों की मांगों पर अमल नहीं होता है तो 16 सितंबर से वह आंदोलन शुरू कर देंगे।