चमोली : राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 हेतु माल्टा एवं पहाडी नीबू (गलगल) फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। ’’सी’’ गे्रड माल्टा एवं पहाडी नीबू (गलगल) सी गे्रड फलों के लिए क्रमशः सात रूपये एवं चार रूपये प्रति किलोग्राम घोषित किया है। इस आशय की जानकारी देते हुए मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा माल्टा एवं पहाडी नीबू फलों के उर्पाजन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने इस संबंध में अधीनस्थ सभी उद्यान सचल दल केन्द्र के प्रभारियों को निर्देशित किया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिये फलों के उपार्जन की अनुमानित मात्रा का आंकलन कर जानकारी दे।
मुख्य उद्यान अधिकारी ने बताया कि यह योजना उद्यान कार्ड धारकों के लिये होगी। ठेकेदार व बिचैलिये इस योजना में आच्छादित नहीं होंगे। माल्टा एवं पहाड़ी नीबू की क्रय 15 दिसंबर से 31 जनवरी 2021 तक किया जाएगा। संबंधित उत्पादकों को घोषित समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य किसी अन्य माध्यम से प्राप्त होने की स्थिति में वे अपनी फसल का विक्रय करने हेतु स्वतंत्र होंगे। क्रय किए जाने वाले सी ग्रेड माल्टा फलों का न्यूनतम व्यास 50 मिमी. तथा नीबू(गलगल) का व्यास 70 मिमी. से अधिक होना आवश्यक है। फल कटे सडे, गले न होकर स्वस्थ रोग रहित होने चाहिए। तुडाई उपरान्त फलों के वाष्पीकरण एवं श्वसन क्रिया से वनज में कमी को ध्यान में रखते हुए क्रय के समय तौल में 2.50 प्रतिशत अधिक वजन लिया जाएगा। उद्यान विभाग द्वारा उपार्जित सी गे्रड माल्टा एवं पहाडी नीबू को भण्डारण के उपरान्त अथवा ताजे उपार्जित फलों को राज्य के भीतर तथा बाहर स्थापित मण्डियों सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की प्रसंस्करण इकाईयों को विक्रय किया जाएगा। यदि समर्थन मूल्य या इससे अधिक मूल्य स्थानीय बाजारों में प्राप्त होता है तो इसे निलामी द्वारा पहली प्राथमिकता पर विक्रय किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जिले में 04 संग्रह/क्रय केन्द्र बनाये गये हैं, जहां पर कर्मचारियों की तैनाती की गई है। बताया कि उपार्जन हेतु जोशीमठ, दशोली, घाट ब्लाक के लाभार्थियों के लिये राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण केन्द गोपेश्वर को संग्रह/क्रय केन्द्र बनाया गया है। जबकि पोखरी, कर्णप्रयाग, नारायणबगड आदिबद्री विकास खण्ड के लिये राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण केन्द्र कर्णप्रयाग को, गैरसैंण ब्लाक के लिये राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण केन्द्र गैरसैंण तथा ब्लाक थराली, देवाल के लिये राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण केन्द्र ग्वालदम को संग्रह/क्रय केन्द्र बनाया गया है।