राज्य सरकार की ओर से महिलाओं को दिए जाने वाले वीरबाला तीलू रौतेली सम्मान की चयन प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता विकास जुगरान ने सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने प्रक्रिया को अंधा बाटे रेवड़ी खुद को दे बारम्बार वाली कहावत को चरितार्थ करने वाली बताया है। कहा कि चयन प्रक्रिया जँहा साफ तौर पर पक्षपाती नजर आ रही है। जिसमें सरकार की ओर सीधे तौर पर ज्यादातर अपने चहेतों का चयन कर पुरस्कार की घोषणा की है। ऐसे में सरकार की ओर से अपनाई गई चयन प्रक्रिया से सरकार ने वीर बाला तीलू रौतेली का अपमान करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार की ओर से तीलू रौतेली सम्मान विभिन्न क्षेत्रों उच्च मानदंड स्थापित करने वाली महिलाओं को प्रदान किया जाता है। लेकिन इस वर्ष सरकार की ओर से अपने चहेतों को चयनित कर योग्य उमीदवारों के हौंसलों को पस्त करने का काम किया है।
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