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खेल के प्रति सरकार कितनी गंभीर! ग्रामीणों ने खुद बना डाल खेल मैदान

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विकासखण्ड घाटः चमोली जिले के सीमान्त गांव कनोल के युवाओं महिलाओं और बुजुर्गों ने अपने बच्चों के लिए स्वंय श्रमदान कर खेल मैदान तैयार करने की कोशिश की है। लम्बे समय से ग्रामीणों ने भूमि उपलब्ध होने और खेल मैदान की आवश्यकता के लिए शासन प्रशासन से पत्रचार भी किया लेकिन जब शासन प्रशासन से थक हार गये तो स्यवं ही कुदार फावडे लेकर खेेल मैदान बनाने का निर्णय लिया ओर तैयार कर दिया।
रविवार को विकास खण्ड के कनोल गांव के ग्रामीणों द्वारा सैकडों की संख्या में महिलाएं बुजुर्ग और युवाओं ने हाथों में कुदाल फावडे लेकर खेल मैदार तैयार करने की कोशिश की, और कुछ हद तक खेल मैदान तैयार भी हो गया। ऐसा नहीं यह पहला मामला है बल्कि ऐसे कई मामले हैं जिसमें सरकार के जटिल नियमों और विकास संबन्धि कार्याे की कोई समय सीमा न होने से आये दिन इस तरह के उदाहरण देखने को मिल जाते है। चमोली के कई खिलाडियों ने अपनी प्रतिभाओं से देश ओर प्रदेश का नाम रोशन किया है हर खिलाडी की यही कहानी होती है कि खेल मैदान और संसाधनों की कमी के बीच भी आज इस स्तर पर प्रतिभाग कर रहा है, लेकिन इस तरह की प्रतिभाओं की आज भी पहाडों में कमी नहीं खिलाडियों को लेकर सरकार की संवेदहीनता और पहाड में ससाधन विहीन होने के कारण प्रतिभाएं यहां तक सीमित रहा जाती है। कोई खिलाडी सीमित संसाधनों में राष्टीय ओर अन्तराष्टीय सतर तक पहुंचता है तो अगर संसाधन संपन्न गांव गांव हो जायं तो शायद आज जिस तरह से आज ओलम्पिक में गिने चुने मैडल के साथ खुश हैं शायद अन्य देशों की भांति कई मैडल हमारे देश को मिल सकते हें।
गांव के महेन्द्र सिंह बताते हैं कि भूमि गांव के पास उपलब्ध है क्षेत्र बहुत बडा है और जनसंख्या भी 2हजार से अधिक है , इन सबको देखते हुए ग्रामीणों द्वारा जनप्रतिनिधियों और प्रशसन के माध्यम से कई बार प्रस्ताव दिये गये हैं लेकिन जब कुछ भी कार्यवाही नहीं हुई तो अब ग्रामीणों ने अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए यह निर्णय लिया कि वे सब मिलकर स्वयं ही खेल मैदान का निर्माण करेंगे।

इस मामले में खेल एंव युवाकल्याण अधिकारी आनन्द ंिसह नयाल का कहना है कि जिले में वर्तमान समय में 100 से अधिक प्रस्ताव मिनी स्टेडियम के लिए आये हुए हैं , जो प्रस्ताव आते है उन्हें 10बिन्दुओं को पूरा करना होता है।
जिसमें ग्राम सभा उन सभी शर्तों केा पूरा करने के बाद प्रस्ताव भेजती है तो विभाग द्वारा प्रस्ताव शासन को भेजे जाते है। शासन स्तर पर जब भी बजट का प्रावधान हो जाता है तो निर्माण कार्य शुरू किया जाता है।
क्या है शर्तेंरू-
1. 120 बाल 80मीटर भूमि उपलब्ध हो
2. क्षेत्र में एथेलेटिक को लेकर खिलाडियों की रूचि, कुश्ती का प्रचलन भी क्षेत्र में है या नहीं
3. प्रस्तावित क्षेत्र के आस पास प्राइमरी, जूनियर, हाईस्कूल, इण्टरकालेज है और कितनी दूरी पर है।
4. प्रस्तावित स्थान और विद्यालय का है तो अनापत्ति प्रमाण पत्र
5. भूमि अगर ग्राम पंचायत की है तो युवाकल्याण विभाग के नाम करवाया जाना अनिवार्य
6. क्षेत्र में नियमित खेल कोन कौन से है और खिलाडियों की रूचि
7. प्रस्तावित भूमि से तहसील और जिला मुख्यालय की दूरी
8. प्रस्तावित भूमि तक आवाजाही के लिए पक्की सडक तथा आवागमन सांधन का विवरण
9. प्रस्तावित भूमि का रकवा एकड में दिया जाय
10. प्रस्तावित भूमि में जल भराव तो नही है मिटटी भराव समतली करण के लिए धनराशि का उल्लेख किय जाना आवश्यक

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