राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को देहरादून के प्रीतम रोड स्थित डॉ. बलबीर सिंह साहित्य केंद्र में पंजाबी यूनिवर्सिटी द्वारा ‘भाई वीर सिंह जी’ की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने डॉ. बलबीर सिंह साहित्य सदन में रखे सिख साहित्य की जानकारी भी ली। इस दौरान उन्होंने दो पुस्तकों का विमोचन भी किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हम सब को गुरु नानक जी के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए, जिसमें करुणा मानवता के बारे में बताया गया है। राज्यपाल ने कहा कि भाई वीर सिंह जी ने अपने विस्तृत शोध के माध्यम से सिख साहित्य से उल्लिखित मानवता, भाईचारा, करूणा, सेवा जैसे गुणों के महत्व को स्थापित किया है। राज्यपाल ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि वीर सिंह जी के सोच, विचार और धारणा को आगे बढ़ाया जाए। राज्यपाल ने वहां मौजूद सिख समुदाय से आह्वान करते हुए कहा कि हम सब को मिलजुल कर एकता के भाव से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मौके पर हम सब को संकल्प लेना चाहिए कि इस साहित्य केंद्र को उच्च स्तरीय तकनीक का प्रयोग कर देश और विश्व पटल तक ले जाया जाए। राज्यपाल ने डॉ बलबीर सिंह साहित्य केंद्र के पदाधिकारियों से अपेक्षा की है कि भविष्य में इस केंद्र को सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस के तौर पर विकसित किया जाए। इसके साथ ही इस केंद्र में आईएएस/आईपीएस परीक्षा हेतु कोचिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाए। राज्यपाल ने हेमकुंट साहिब हेतु प्रस्तावित रोपवे के स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सिख समुदाय के पवित्र धाम श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा को सुलभ बनाने के दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। गोष्ठी के दौरान वक्ताओं द्वारा बताया गया कि 5 दिसंबर 1872 को अमृतसर में जन्मे भाई वीर सिंह जी को आधुनिक पंजाबी भाषा का जनक कहा जाता है, जिन्होंने अपने उपन्यासों, नाटकों, कविता, पवित्र इतिहास, संपादकीय नोट्स और संपादित कार्यों के माध्यम से लोगों के मन में पंजाबी और सिख साहित्य के लिए प्रेम पैदा किया। ‘भाई वीर सिंह जी’ को उनके साहित्यिक योगदान के कारण ‘पद्म भूषण’ और अनेक सम्मानों से समय-समय पर विभूषित किया गया। देहरादून ‘भाई वीर सिंह जी’ से जुड़ा हुआ है, क्योंकि वे गर्मी के दिनों में अपने घर प्रीतम रोड, डालनवाला में रहते थे और साहित्य की रचना करते थे। कार्यक्रम में हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह बिंद्रा, पंजाबी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अरविंद, डॉ. जसपाल कौर नारंग, संत जोत सिंह, डॉ परमवीर समेत अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.