चमोली: आजीविका ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रसार प्रशिक्षण केन्द्र रौलीग्वाड में महिला समूहों को टाटा स्ट्राइव, मत्स्य विभाग तथा पर्यटन विभाग के सहयोग से फिश डिशेज से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयेाजित किया गया।
जिसमें ग्राम बैरागंना एवं आदर्श स्वयं सहायता समूह दशोली के 10 सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में मछली से विभिन्न व्यंजनों को बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण का उदेश्य स्वयं सहायता समूहों आजीविका सर्वधन एवं अधिक से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। बैराग्ना क्षेत्र में ट्राउट मछली का अच्छा उत्पादन होता है। फिश डिशेज तैयार कर समूह की महिलाएं अच्छी आजीविका अर्जित कर सकती है। साथ पर्यटन क्षेत्रों में इस व्यवसाय से महिला समूहों की आर्थिकी को बल मिलेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को भी जारी रहेगा।
मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षण पूरा करते हुए स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इसमें आने वाले समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग प्रोगाम के बारे में फीडबैक भी लेने के निर्देश दिए। इस अवसर परियोजना निदेश प्रकाश रावत, सहायक मत्स्य निरीक्षक जगदम्बा कुमार, टाटा स्ट्राइब के प्रबंधक विनय ठाकुर, जिला पर्यटन विकास अधिकारी वृजेन्द्र पांण्डेय, प्रशिक्षक अशोक कुमार सहित एनआरएल समूह की महिलाएं उपस्थित थी।