Home उत्तराखंड नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाला आरोपी 10 वर्ष के कठोर कारावास...

नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाला आरोपी 10 वर्ष के कठोर कारावास तथा 60 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित

30
0

चमोली: जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश श्री धनंजय चतुर्वेदी जी द्वारा अपने ही गांव की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी संजय कुमार पुत्र दिलबर लाल निवासी ग्राम बछेर, थाना चमोली जिला चमोली को दोषसिद्ध पाते हुए अभियुक्त को पोक्सो अधिनियम की धारा 3/4 में 10 वर्ष के कठोर कारावास एव रू0 50 हजार के अर्थदण्ड व अर्थदण्ड अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया व भा०दं०सं० की धारा 363 व 366ए में भी क्रमशः 5 वर्ष व 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच-पांच हजार रूपये अर्थदण्ड व अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर 2 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास से दण्डित किया गया है मामले की पैरवी सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक, पोक्सो मोहन पंत द्वारा की गयी।

जुर्माने की धनराशि कुल रू0 60 हजार में से 45 हजार रूपये पीड़िता को अदा करने के आदेश पारित किये गये हैं।

मामले में राज्य की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मोहन पंत ( विशेष लोक अभियोजक, पोक्सो) द्वारा मामले के सम्बन्ध में बताया गया कि पीड़िता के पिता द्वारा दिनांक 08.12.2019 को कोतवाली चमोली में अभियुक्त संजय कुमार जो कि गांव के रिश्ते में उनका भांजा है, के विरूद्ध इन अभिकथनों के साथ तहरीर दी गयी कि दिनांक 04.12.2019 को अभियुक्त मेरी पुत्री को बहला-फुसलाकर कर कहीं ले गया है, जिस पर थाना चमोली द्वारा मु0अ0सं0- 41 / 2019 धारा 363 व 366ए भा०दं०सं० के तहत मुकदमा पंजीकृत कर वादी की पुत्री की खोजबीन शुरू की गयी तथा उसी दिन पीडिता को नारायणबगड टैक्सी स्टैण्ड से कुछ दूरी पर अभियुक्त के साथ बरामद किया गया तथा पीडिता को उसके घरवालों के सुपुर्द किया गया। पुलिस द्वारा अभियुक्त संजय कुमार को गिरफ्तार कर मा०दं०सं० की धारा 363, 366ए के साथ धारा 376 मा० द०सं० व पोक्सो अधिनियम की धारा 3/4 की बढोत्तरी कर मामले की विवेचना प्रारम्भ की गयी विवेचना पूर्ण कर 18.01.2020 को पुलिस द्वारा माननीय न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। घटना के समय पीड़िता की उम्र केवल 17 वर्ष थी। मामले में अभियोजन द्वारा 10 गवाहों को पीड़िता के साथ हुई घटना के समर्थन में माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिनके आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तथ्यों को सही पाते हुए अभियुक्त को दोषसिद्ध पाया विशेष लोक अभियोजक मोहन पंत के द्वारा कथन किया गया कि वर्तमान में आये दिन बच्चों के साथ लैंगिक अपराधों की घटना हो रही है, और इस प्रकार की घटना भविष्य एक प्रकार से समाज में महामारी का रूप भी ले सकती है। और उक्त घटना से बच्चों के मन मस्तिष्क पढाई पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है, बच्चे हमारे देश के धरोहर है जिन्हें इस प्रकार के अपराधों से बचाया जाना आवश्यक है, जिसे रोकने हेतु बच्चों के माता-पिता व बच्चों को बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता है। अभिभावक अपने बच्चों को बच्चों के साथ इस प्रकार की घटना से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए और बच्चों को हो रहे अपराधों से बचने के टिप्स दिये जाने चाहिए और उनको लैंगिक अपराधों के बारे में समझाया जाए ताकि बच्चों के साथ होने वाले सम्भावित अपराधों से बचा जा सके।