Home धर्म संस्कृति केदारनाथ में स्वर्णमंडित हुआ मंदिर का गर्भगृह।

केदारनाथ में स्वर्णमंडित हुआ मंदिर का गर्भगृह।

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केदारनाथ: भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में ग्याहरवें केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया है। 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारें, जलेरी व छत को नया भव्य रूप मिल गया है। एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में बुधवार सुबह तक आखिरी चरण का कार्य पूरा कर दिया जाएगा। महाराष्ट्र के एक दानीदाता के सहयोग से श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने गर्भगृह की साज-सज्जा की यह अभिनव पहल की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ भ्रमण से पूर्व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग विभाग के छह सदस्यीय दल ने धाम पहुंचकर मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद तीन पूर्व केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने का काम शुरू किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दो अधिकारियों की मौजूदगी में दानीदाता के सहयोग से श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह, जलेरी व छत पर सोने की परत लगाने का काम किया जा रहा है, जो अंतिम चरण में चल रहा है। 19 मजदूरों के द्वारा मंदिर के गर्भगृह को नया रूप दिया जा रहा है, जो सोने की 550 छोटी-बड़ी परतें दीवारों, जलेरी और छत पर लगा रहे हैं। बीकेटीसी के अनुसार 95 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य बुधवार सुबह तक पूरा कर दिया जाएगा। आगामी यात्राकाल में पहले दिन से धाम पहुंचने वाले श्रद्घालुओं स्वर्णमंडित गर्भगृह में अपने आराध्य बाबा केदार के दर्शन करेंगे। इस वर्ष जुलाई के आखिरी सप्ताह में महाराष्ट्र के दानीदाता ने श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह स्वर्णमंडित करने के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 4 अगस्त को बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शासन से गर्भगृह की साज-सज्जा की अनुमति के लिए पत्र भेजा था। करीब ढाई माह में सभी औपचारिकताएं पूरी करने और भारत सरकार से धर्मस्व व पर्यटन सचिव के हस्तक्षेप के बाद अब केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंंडित किया गया है।
केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती व पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष महेश बगवाड़ी सहित बीकेटीसी के ईओ रमेश चंद्र तिवारी का कहना है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की सोने की परतों से साज-सज्जा अभिनव पहल है। इससे आगामी वर्ष से यात्राकाल में यहां आने वाले बाबा के भक्तों को भी नई अनुभूति प्राप्त होगी।