कर्णप्रयाग में पिंडर नदी पर आईटीआई और सुभाषगर के बीच बनाए गए पैदल पुल के किनारे दीवार न बनाए जाने और पुल की सतह पर लगा सैकड़ों मिट्रिक टन मिट्टी का ढेर बरसात में बड़ी आपदा को न्योता दे रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार पुल कि किनारे दीवार बनाने और वहां मिट्टी को हटाने की मांग उठाई की गई लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया गया। अब बरसात में हालत यह है कि कभी भी नदी बढ़ने पर तबाही आ सकती है।
लोनिवि की ओर से एक साल पहले कर्णप्रयाग में आईटीआई से सांकरी जाने को पैदल पुल बनाया। कार्यदायी संस्था ने पुल तो बनाकर तैयार कर दिया, लेकिन आईटीआई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पुल के किनारे दीवार नहीं बनाई। बलुई मिट्टी की अधिकता होने के कारण बारिश में लगातार भूस्खलन हो रहा है। ऐसे में मिट्टी और पत्थर पुल पर आवाजाही करने वालों पर भी गिर रही है। साथ ही औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और आवासीय मकानों को खतरा बना है। स्थानीय निवासी और पूर्व सहायक अभियोजन अधिकारी दुर्गा प्रसाद थपलियाल ने एसडीएम से आईटीआई क्षेत्र में सुरक्षा के उपाय करने की मांग की। कहा पुल के आईटीआई वाले छोर पर भूस्खलन होने से आईटीआई और वहां स्थित मोहल्ले को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं। ऐसे में पिंडर नदी में ज्यादा पानी बढ़ने पर वहां भू कटाव हो सकता है और नदी किनारे पड़ी मिट्टी से तबाही आ सकती है।
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