Home उत्तराखंड बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी के समीप वाहन दुर्घटनाग्रस्त, दो लोगों की मौत

बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी के समीप वाहन दुर्घटनाग्रस्त, दो लोगों की मौत

32
0
  • दुर्घटना के दूसरे दिन भी चट्टान से नहीं निकाले जा सके शव


गोपेश्वर। बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी के चाडा तोक में एक वाहन दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई है। वाहन के खड़ी चट्टान पर दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण यहां रेस्क्यू आपरेशन में खासी दिक्कतें आ रही हैं। स्थानीय लोगों क अनुसार वाहन दुर्घटना में बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष व तपोवन निवासी मोहन प्रसाद थपलियाल व कुलदीप चौहान की मृत्यु होने की बात कही जा रही है। जबकि पुलिस व प्रशासन की ओर से अभी तक मृतकों के नामों की पुष्टी नहीं की गई है।

जानकारी के अनुसार मोहन प्रसाद थपलियाल व कुलदीप चौहान शनिवार को कर्णप्रयाग में आयोजित पार्टी की बैठक से लौट रहे थे। इस दौरान बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी की चाड़ा तोक में उनका वाहन अनियंत्रित होकर खड़ी चट्टान पर 250 मीटर से अधिक गहरी खाई में जा गिरा। जिससे वाहन के परखच्चे उड़ गये। वाहन के क्षत विक्षत होने के चलते वाहन में सवार लोग यहां चट्टानों पर अटक गये। ऐसे में दुर्घटना स्थल की दूसरी ओर की पहाड़ी पर पर स्थित मठ-झडेता गांव में ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। लेकिन शनिवार को देर शाम हुई दुर्घटना के चलते रात्रि के समय यहां सर्च अभियान शुरु नहीं किया जा सका और पुलिस ने रविवार को सुबह यहां एनडीआरएफ की मदद से सर्च आपरेशन शुरु किया। जिस पर यहां दोपहर में चट्टान पर दो शवों के होने की पुष्टि हुई। लेकिन यहां आवाजाही के लिये रास्ता न होने से शवों को पूरे दिनभर रेस्क्यू नहीं किया जा सका और अंधेरा होने के बाद दूसरे दिन भी शवों को चट्टान से नहीं निकाला जा सका है। हालांकि एनडीआरएफ के जवानों ने रविवार को अलकनंदा नदी के आर-पार रस्सी बांधकर शवों को निकालने का प्रयास किया। लेकिन विषम परिस्थितियों के चलते यहां रेस्क्यू आपरेशन बंद कर दिया गया है। वहीं सोमवार को सुबह रेस्क्यू आपरेशन करने की बात कही गई है। दूसरी ओर वाहन के नम्बर प्लेट और अन्य परिस्थितियों को देखते हुए स्थानीय लोगों और पार्टी पदाधिकारियों की ओर से वाहन दुर्घटना में पूर्व बीकेटीसी अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल (64) पुत्र कमला प्रसाद थपलियाल व कुलदीप चौहान (42) पुत्र अब्बल सिंह चौहान की मृत्यु की बात कही गई है। जबकि पुलिस और प्रशासन की ओर से शवों के रेस्क्यू होने के बाद पहचान करने की बात कही जा रही है।