स्क- चमोली में बीती 19 जुलाई को करंट लगने से हुए हादसे में लापरवाही सामने आने पर पुलिस ने तीन दोषियों को गिरफ्तार कर लिया है। ट्रीटमेंट प्लांट की ज्वाइंट वेंचर स्वामियों और अधिकारियों के पर मजिस्टीरल जांच के दौरान सामने आई घोर लापरवाही बरते जाने व सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते कार्यवाही की गई।
आपको बता कि 19 जुलाई को चमोली में भीषण बिजली करंट हादसा हुआ था जिसमे 16 लोगो की मौत हो गई थी जबकि 9 लोग घायल हो गए थे। हादसे के बाद जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजा दिए जाने की घोषणा की साथ ही सीएम धामी ने गोपेश्वर पहुंच कर परिजनों का ढाढस बंधाया और दोषियों पर कठोर करवाई के लिए घटना की मजिस्टीरियल जांच के आदेश दिए थे। डीएम चमोली ने एडीएम के नेतृत्व में जांच समिति गठित कर तत्काल करवाई करते हुए ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में लापरवाही किए जाने को लेकर कंपनी के सुपरवाइजर पवन चमोला, बिजली विभाग के लाइन मैन महेंद्र सिंह और हरदेव लाल प्रभारी सहायक अभियंता जल संस्थान को भारतीय दण्ड विधान की धारा 304 और 13/31 खतरनाक मशीन विनियमन अधिनियम की 1983 के तहत गिरफ्तार कर लिया है। 20 जुलाई को पटवारी की तहरीर पर पुलिस ने इस करवाई को अंजाम दिया। आपको बता दें कि एसपी चमोली प्रमेंद्र डोभाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन टीमें गठित कर जांच को न सिर्फ तेजी से करवाया बल्कि तीन टीमें बना कर कड़ी पूछताछ और घटनास्थल की त्वरित जांच कर करवाई की।
करंट लगने से 18 जुलाई को एक कर्मचारी की मौत हुई थी जिसके पंचनामे के लिए पुलिस और मृतक लड़के के गांव के लोग और रिश्तेदार ट्रीटमेंट प्लांट पर गए थे। करंट की इस दर्दनाक घटना में मारे गए
सोलह लोगों में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर और तीन होमगार्ड के जवान भी शामिल थे। घायलों का अभी एम्स ऋषिकेश में इलाज चल raha ह