चमोलीः चतुर्थ केदार रूद्रनाथ उत्तराखण्ड के सबसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों में स्थित है मान्यता है पूरे भारत वर्ष में रूद्रनाथ एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है जहां पर भगवान शिव के मुखारबिंद के दर्शन होते है। इस महत्म्य के चलते हर वर्ष विकट यात्रा होने के बावजूद आस्था और विश्वास के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालू भगवान रूद्रनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन करते हैं। इन दिनों रूद्रनाथ यात्रा पर हर रोज 3सौ से अधिक श्रद्धालू दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं, स्थानीय निवासी देवेन्द्र सिंह बिष्ट के अन्य लोगों ने रूद्रनाथ यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर बडे सवाल उठाये हैं उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन के माध्यम से जिलाधिकारी को अवगत करवाते हुए बताया कि मंदिर के पास नारद कुण्ड है इसी कुण्ड के जल से मंदिर में जलाभिषेक किया जाता है लेकिन जिला पंचायत के ओर से नारद कुण्ड के समीप शोचालय निर्माण करवाया गया था जिसमें सीवर ट्रीट में की कोई व्यवस्था नहीं है ऐसे में मल मूत्र खुले में फैलता जा रहा है गंदगी का अंबार लगा हुआ है वहीं यहां पहुंचने वाले श्रद्धालू जो पॉलीथीन और बोतले प्रयोग करते हैं उसकी सफाई के लिए भी कोई व्यवस्थाएं नहीं है वन विभाग की ओर से श्रद्धालुओ 200रूपये सुविधा शुल्क लिया जा रहा है लेकिन कोइ व्यवस्थायें नहीं 10किमी की दूरी पर कहीं भी पेजयल की व्यवस्था नहीं है। उन्होने व्यवस्थाओं को लेकर आक्रोश व्यक्त किया।
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