उत्तराखंड/जोशीमठ। उत्तराखंड की त्रासदी अब तक कोई नहीं भूला है। फिर से जोशीमठ में प्राकृतिक विपदा का खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ पर निवासरत लोग डरे हुए हैं और घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों जोशीमठ की धरती धस रही है ? इसके पीछे क्या कारण है ?
बता दे कि जोशीमठ में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। अपने घरों को छोड़ लोग कहीं और शिफ्ट होने के लिए मजबूर हो गए हैं। विषम परिस्थिति की जानकारी जैसे ही ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी : श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को मिली तो शंकराचार्य भगवान ने ज्योतिर्मठ प्रभारी को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवार को भोजन उपलब्ध हो और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएं।
शंकराचार्य महाराज ने अपने सभी संचार कार्यक्रम को स्थगित कर दिया और सड़क मार्ग से सीधे ज्योतिर्मठ पहुंचे। वही उन्होंने वर्तमान स्थिति से अवगत होते हुए जोशीमठके घरों का निरीक्षण किया व लोगों की समस्याएं सुनी। वही, शंकराचार्य जी ने अपने माध्यम से सरकार को जनता के लिए समुचित व्यवस्था करके लाभ पहुंचाने की अपील की।
ज्ञातव्य हो कि शंकराचार्य जी ने कहा था कि जोशीमठ में जल्द से जल्द भू-धसाव का कारण पता लगे इसके लिए भूवैज्ञानिकों द्वारा पूरे जोशीमठ की जांच की जाएगी। जोशीमठ की जनता को शंकराचार्य जी महाराज अपना परिवार मानते हैं और उनका सुख दुख अपना सुख दुख मानते हैं। जोशीमठ की जनता जिस पीड़ा से गुजर रही है उस पीड़ा को शंकराचार्य जी महाराज भी महसूस कर रहे हैं।
शंकराचार्य जी के निर्देश पर भू वैज्ञानिको का दल पहुंचा जोशीमठ –
वही, ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानन्द जी के सहयोग से भू वैज्ञानिको का दल जोशीमठ पहुंचा हैं, जिसमें प्रोफेसर डॉ. केएस राव की नेतृत्व वाली टीम जोशीमठ पहुंच सभी पहलुओं से जांच कर रही हैं। यहां मुख्य रूप से जोशीमठ के पर्वत, सभी प्रभावित मकान, एनटीपीसी हाइडल पावर प्रोजेक्ट, हेलंग मारवाड़ी बाई पास की विशेष जांच किया जा रहा हैं। इस टीम में डॉ. तरूण सिंह और अंकित सिंह भी साथ है।
ब्रह्मचारी मुकुंदानन्द ने बताया –
इस जांच के बारे में अधिक जानकारी देते हुए ब्रह्मचारी मुकुंदानन्द ने बताया यह रिपोर्ट 2 दिन में बनकर तैयार हो जाएगी, जिसकी पत्रकारवार्ता कर रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा। यह जानकारी ज्योतिष्पीठाधीश्वर के मीडिया अशोक साहू ने दी।