चमोली: गैरसैण स्थाई राजधानी की मांग को लेकर बनारस निवासी प्रवीण काशी ने 19 नवंबर से जिला मुख्यालय गोपेश्वर से पैदल मार्च करने को लेकर पत्रकार वार्ता में उन्होंने इस बात की जानकारी दी
2017 से उत्तराखंड राज्य से जुड़े मूलभूत सुविधाओं और गैर स्थाई राजधानी की मांग को लेकर प्रवीण लगातार संघर्ष करते हुए आंदोलन का हिस्सा बने हैं कई बार उत्तराखंड की राजधानी के सेंड की मांग को लेकर लोगों को जागरूक करते दिखे वही इस मांग को लेकर उन्होंने आमरण अनशन भी किया है और जेल भी गए हैं प्रवीण का कहना है कि वह भले ही उत्तर प्रदेश से हूं लेकिन जहां पर भी जन भावनाओं और जन मुद्दों की बातें होंगी वह हमेशा जनता के इन मुद्दों की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार हैं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलनों के चलते बना है और कहीं ना कहीं पूरे उत्तराखंड राज्य निर्माण में यहां के युवाओं बुजुर्गों और महिलाओं की भूमिका रही है 21 वर्ष बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड को अपनी स्थाई राजधानी नहीं मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है यहां के नीति नियंता ओं की नियत कभी वेकेशन को लेकर सांस नहीं रही है जिस राज्य में हजारों करोड़ का टिहरी डैम बन सकता है उस राज्य में गैर से स्थाई राजधानी बनाने को लेकर राजनेताओं द्वारा मीन और मेक किया जाना उनकी नीति और नियति दोनों दिखाता है।
उन्होंने कहा कि 2022 में उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस या भाजपा जो भी अपनी घोषणापत्र में गैर सेंड स्थाई राजधानी को शामिल करेगा उसके पक्ष में बात करेगे।