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डीएम ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन का निरीक्षण, निमार्ण कार्य में हो रही देरी को लेकर पीडब्लूडी के अधिकारियों को लगायी फटकार

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चमोली : जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गुरूवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन व रैणी संचालित सर्च आॅपरेशन एवं राहत कार्यो का निरीक्षण करते हुए एनटीपीसी को तपोवन टनल एवं बैराज से मलवा निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए। तपोवन टनल के भीतर से मक रिमूवल और डिवाटरिंग कार्यो का जायजा लेते हुए जिलाधिकारी ने टनल के भीतर रेस्क्यू टीम की सुरक्षा के दृष्टिगत सायरन सिस्टम को रेग्यूलर चैक करने के निर्देश दिए। वैराज साइड पर भी मलवे में लापता लोगों की खोजबीन कार्य लगातार जारी है। जिलाधिकारी ने एनटीपीसी को वैराज साइड से मलवा निस्तारण हेतु तेजी से काम करने के निर्देश दिए ताकि बारिश होने पर कोई समस्या न हो।

वही झूलापुल का निर्माण कार्य पूर्ण न होने पर जिलाधिकारी ने लोनिवि के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 22 मार्च तक भंग्यूल तथा 28 मार्च तक जुग्जू में ब्रिज निर्माण कार्य पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। जुवाग्वाड के ग्रामीणों द्वारा इलेक्ट्रोनिक ट्राॅली के बजाय झूलापुल बनाने की मांग को देखते हुए जिलाधिकारी ने जुवाग्वाड में झूलापुल निर्माण हेतु शासन से स्वीकृति हेतु शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जुग्जू, भंग्यूल तथा जुवाग्वाड में अभी मैनुअल ट्राॅली से आवागमन सुचारू है। वही रैणी में ऋषि गंगा नदी पर क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर बीआरओ द्वारा बैली ब्रिज निर्माण पूरा कर 5 मार्च से वाहनों का आवागमन सुचारू कर लिया गया है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने तपोवन रितविक कंपनी कार्यालय में एनटीपीसी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए सर्च आॅपरेशन में तेजी लाने तथा प्रभावित लोगों में शीघ्र मुआवजा वितरण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अभी तक जिन शवों की शिनाख्त की गई है जिला प्रशासन द्वारा उन सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा वितरण किया जा चुका है परन्तु एनटीपीसी द्वारा इसमें वांछित प्रगति परिलक्षित नही हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने एनटीपीसी को तहसील प्रशासन से समन्वय करने के निर्देश दिए। ताकि प्रभावित लोगों को समय मुआवजा मिल सके। वही जिलाधिकारी ने आपदा प्रबन्धन अधिकारी को एसडीआरएफ के साथ मिलकर पुनः एक बार ड्राॅन कैमरे की मदद से नदी किनारे सर्च अभियान चलाने और जहाॅ पर भी संभावना लगे वहाॅ पर ग्राउंड लेवल पर सर्च करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने आईटीबीपी के अधिकारियों से ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील के बारे में भी जानकारी ली। जिसमें बताया गया कि झील से पानी की निकासी सामान्य बनी हुई है।

आपदा में लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जो प्रक्रिया निर्धारित की गई थी उस प्रक्रिया के अनुरूप संबधित जिलों के जिलाधिकारियों को पूर्व में ही प्रमाण पत्र मंगवाए गए
थे। अभी तक विभिन्नि जिलों से 77 फाइलें एसडीएम जोशीमठ कार्यालय को प्राप्त हो चुकी है। जिलाधिकारी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि इसमें तत्काल जांच कर आख्या उपलब्ध करें। साथ ही अभीहित अधिकारी एसडीएम जोशीमठ को शीघ्र प्रारम्भिक आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए। जिससे लोगों को समय से मुआवजा वितरण किया जा सके।

एनटीपीसी के जीएम राजेन्द्र प्रसाद अहिरवार ने बताया कि इंटेक एडिट टनल में मग रिमूवल का कार्य 200 मीटर तक किया गया है। वैराज साइड पर मलवा निस्तारण हेतु पर्याप्त मशीनें लगाई गई है। इंटेक अडिट टनल में मग रिमूवल के दौरान 15 मानव शव बरामद किए गए। डिसिल्टिंग चैंबर में एक्सकवेसन व नदी के प्रभाव से डिसिल्टिंग क्षेत्र को अलग करने के लिए अपस्ट्रीम पर बोन्ड निर्माण, रेस्क्यू हेतु एप्रोच रोड व अपस्ट्रीम डाउनस्ट्रीम पर कॉम्बिग लगातार जारी है। बैराज साइट पर नदी के प्रवाह को दाहिने किनारे मोड़ने व एप्रोच रोड कार्य चल रहा है। बुधवार देर रात्रि को तपोवन टनल से 1 शव और 1 मानव अंग बरामद हुआ।

रैणी तपोवन आपदा में लापता 204 लोगों में से अभी तक 74 लोगों के शव और 34 मानव अंग बरामद किए जा चुके है। जिसमें से 44 शव और 1 मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। मृत व्यक्तियों के अनुग्रह अनुदान मद से 39 मृतकों के परिवारों को प्रति परिवार 4 लाख की दर से कुल 1 करोड़ 56 लाख रुपए की धनराशि तथा 12 घायलों को प्रति व्यक्ति 4300 की दर से 51600 की धनराशि वितरण की जा चुकी है। जुग्जू में 60 मीटर लॉग ब्रिज तथा भंग्यूल में 65 मीटर लाॅग ब्रिज का निर्माण अंतिम चरण में है। प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल विद्युत एवं संचार व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।

इस दौरान एसडीएम कुमकुम जोशी, जीएम एनटीपीसी आरपी अहिरवार, एनडीआरएफ के मेजर कुलीश आनंद, ईई अला दिया, तहसीलदार प्रदीप नेगी आदि मौजूद थे।