चमोली जिले में कोरोना काल में खून की कमी से न जाए जान इसलिए महादान करने वाले लोगों का कहना है कि रक्त का निर्माण फैक्टरी में नहीं होता है। इसलिए मानव को मानव का मददगार बनना जरूरी है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गढ़वाल सह संयोजक विपिन कंडारी बताते है कि अब तक खून की कमी के लिए 300 से अधिक लोगों ने रक्त दान किया है। विपिन्न का कहना है कि करीब 20 साल की आयु में पहली बार रक्तदान किया था। तब स ेअब तक 12 रक्तदान कर चुके है अपने दोस्तों से भी रक्तदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विज्ञान की ओर से खोजी गई अब तक की सभी तकनीकों में रक्तदान सबसे अहम है, जो मानव को मानव से जोडता है।
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