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कलवारी यूथ क्लब दौड़ में चमोली की भागीरथी ने किया प्रथम स्थान प्राप्त

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पौड़ी: पौड़ी जिले के रिखणीखाल में कलवारी यूथ क्लब दौड़ का आयोजित गया था जिसमें 6 किलोमीटर दौड़ में चमोली जनपद में देवाल ब्लाक के दूरस्थ गांव वाण की भागीरथी विष्ट ने 21 मिनट 42 सेकेंड में पूरा करने के बाद प्रथम स्थान प्राप्त कर ट्राफ़ी और 51 हजार रुपए की नगद प्राइज मनी पर कब्जा किया हैं,भागीरथी की इस कामयाबी से राष्ट्र स्तर पर प्रदेश के साथ साथ जनपद व क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है।मैराथन दौड़ के इस कार्यक्रम 23 वर्षीय भागीरथी की इस उपलब्धि पर जनपद चमोली सहित देवाल क्षेत्र में भी खुशी का माहौल

पौड़ी जिले के रिखणीखाल मे रविवार को कलवारी यूथ क्लब दौड़ का आयोजित गया था जिसमें 6 किलोमीटर की ओपन मैराथन को चमोली जनपद में देवाल ब्लाक के दूरस्थ गांव वाण की भागीरथी विष्ट ने 21मिनट 42 सेकंड में पूरा करने के बाद प्रथम स्थान प्राप्त कर ट्राफ़ी और 51हजार रुपये की नगद प्राइज मनी पर कब्जा किया हैं।भागीरथी की इस कामयाबी से राष्ट्र स्तर पर प्रदेश के साथ साथ जनपद व क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है23 वर्षीय भागीरथी की इस उपलब्धि पर जनपद चमोली सहित देवाल क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है।

भागीरथी बिष्ट के कोच हिमाचल के सिरमोर निवासी और अंतराष्ट्रीय मैराथन एथलीट सुनील शर्मा ने बताया कि भागीरथी विष्ट ने 6 किलोमीटर दौड़ करीब 21मिनट 42 सेकंड में पूरी कर प्रथम स्थान प्राप्त स्थान किया हैं,उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी हैदराबाद में आयोजित 42 किलोमीटर मैराथन में भी तृतीया स्थान प्राप्त किया था पंजाब के अटारिया अमृतसर और जम्मू-कश्मीर व ऋषिकेश मैराथन में भी भागीरथी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।इन दिनों फ्लाइंग गर्ल भागीरथी अपनी रफ्तार से दुनिया के फलक पर अपनी चमक बिखेरने के लिए उत्तराखण्ड के पौड़ी जनपद स्थित रासी स्टेडियम में कड़ी मेहनत कर रही है।

चमोली जनपद के अंतिम विकासखंड देवाल में वाण गांव से आने वाली भागीरथी को संघर्ष और संसाधनों के आभाव में यह दौड़ का हुनर विरासतन मिला हैं।भागीरथी अपने पाँच भाई बहिनों में सबसे छोटी हैं।तीन वर्ष की छोटी आयु में भागीरथी के पिता की असमय मृत्यु हो गई थी।बताया कि वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने भाई बहिनों के साथ मिलकर घर का सारा काम करती थी।यहां तक कि भाईयो की अनुपस्थिति में अपने खेतों में हल भी खुद ही लगाया करती थी।भागीरथी का एक ही सपना है कि एक दिन ओलिंपिक खेलों में जाकर में राष्ट्र के लिए मैराथन में गोल्ड मैडल जीतकर देश का नाम रोशन करना।