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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया 840 राजकीय विद्यालयों में वर्चुअल और स्मार्ट कक्षाओं के केंद्रीय स्टूडियो का शुभारंभ -शिक्षा में डिजिटल क्रांति की नई शुरुआत

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा (देहरादून) में आयोजित कार्यक्रम में 840 राजकीय विद्यालयों में हाइब्रिड मोड में संचालित वर्चुअल एवं स्मार्ट कक्षाओं के केंद्रीयकृत स्टूडियो का शुभारंभ किया। यह पहल समग्र शिक्षा उत्तराखंड के तहत आईसीटी योजना के अंतर्गत की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेशभर के विद्यार्थियों से संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाएगा। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि डिजिटल तकनीक, वर्चुअल प्लेटफॉर्म और स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से नए अवसर खुल रहे हैं। इन नवाचारों से न केवल सीखने की प्रक्रिया अधिक रोचक बन रही है, बल्कि दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों के विद्यार्थी भी विशेषज्ञ शिक्षकों से सीधे जुड़ पा रहे हैं।

डिजिटल शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया गया है, जबकि 500 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं पहले से संचालित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि अब विद्यार्थी ‘उत्तराखंड वर्चुअल लर्निंग एप्लीकेशन’ के माध्यम से घर बैठे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इस एप से छात्र स्वयं मूल्यांकन कर सकेंगे और राज्य व देश के प्रतिष्ठित शिक्षकों से सीखने का अवसर पाएंगे।

राज्य सरकार ने दूरस्थ क्षेत्रों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुँचाने के लिए 5 पीएम ई-विद्या चैनल भी संचालित किए हैं।

मेधावी छात्रों के लिए विशेष योजनाएं

मुख्यमंत्री ने बताया कि कक्षा 6 से 12 तक के मेधावी छात्रों को ‘मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना’ के अंतर्गत लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा, प्रत्येक विकासखंड के 10वीं और 12वीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को भारत भ्रमण पर भेजा जा रहा है।

राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में 8 ट्रेडों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की गई है, जिससे अब तक 42 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं। राज्य में पहली बार 12वीं कक्षा के व्यावसायिक छात्रों के लिए रोजगार मेले आयोजित किए गए, जिनमें 146 विद्यार्थियों का चयन प्रतिष्ठित कंपनियों में हुआ है। इस नवाचार की सराहना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी की है।

स्थानीय भाषा और संस्कृति पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने बुनियादी शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा तैयार की है।
विद्यालयों में ‘बस्तारहित दिवस’ (Bagless Day) लागू किया गया है, जिससे बच्चों का रचनात्मक और व्यावहारिक विकास हो रहा है।
राज्य सरकार ने स्थानीय भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं। साथ ही थारू, बोक्सा और रवांल्टी भाषाओं में शब्दकोश भी बनाए जा रहे हैं।

‘हमारी विरासत’ नामक पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को भारत की संस्कृति, लोक परंपराओं और महान विभूतियों से परिचित कराया जा रहा है।

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने देश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने इस नीति को प्रभावी रूप से लागू किया।
वर्ष 2022 में राज्य में ‘बाल वाटिका’ की शुरुआत की गई, वहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी सरकारी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य की गई हैं।
कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को निःशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु, महानिदेशक शिक्षा दीप्ति सिंह सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
राज्यभर के विद्यालयों के विद्यार्थी भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।