- चिकित्सालय से महज डेढ़ किमी की दूरी पर हुआ सुरक्षित प्रसव
गैरसैंण। सरकारी चिकित्सालयों में सुरक्षित प्रसव को लेकर चिकित्सकों की संवेदनशीलता एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। चमोली जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में जहां चिकित्सकों ने गर्भवती महिला और बच्चे की स्थिति को गम्भीर बताते हुए हायर सेंटर रैफर कर दिया। वहीं 108 वाहन में तैनात फार्मसिस्ट व आशा कार्यकत्री द्वारा चिकित्सालय से महज डेढ़ किमी की दूरी पर सुरक्षित प्रसवा करा दिया गया। ऐसे में चिकित्सकों के प्रसव जैसी गंभीर स्थिति को लेकर संवेदनशीलता का अंदाजा लगाया जा सका है।
बता दें कि बुधबार को 108 एम्बुलेंस फिर एक बार नवजात की किलकारियों से गूंज उठा। हालांकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने गर्भवती की हालत ठीक नहीं होने की बात कह कर हायर सेंटर रैफर कर दिया था किंतु अस्पताल से मात्र डेढ़ किमी आगे बढ़े ही थे कि 108 में तैनाद फार्मासिस्ट सन्दीप बिष्ट व आशा कार्यकर्ती जयंती देवी ने सामान्य रूप से वाहन में सुरक्षित प्रसव करवाया। जच्चा बच्चा दोनो स्वस्थ हैं व सीएचसी गैरसैंण में भर्ती हैं। मिली जानकारी के अनुसार सारकोट गांव की गर्भवती 31 वर्षीय गणेसी देवी पत्नी पूरण सिंह की तबियत बुधबार सुबह एकाएक बिगड़ने लगी, जिस पर परिजनों ने 108 वाहन से सम्पर्क किया। वाहन चालक शिव सिंह गर्भवती व परिजन को लेकर 11 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण पहुचे जहां चिकित्सक सौम्या राठौर द्वारा गर्भवती के पेट मे बच्चे को उल्टा बता कर रैफर कर दिया। वाहन अस्पताल से बामुश्किल डेढ़ किमी आगे डांगी धार के समीप पहुचा की महिला को दर्द बढ़ गया, जिस पर फार्मासिस्ट व आशा ने सहज रूप से प्रसव करवा दिया।
सीएचसी गैरसैंण का नहीं ये पहला मामला
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण का यह काई पहला मामला नहीं है। जबकि चिकित्सकों द्वारा अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर गर्भवती को हायर सेंटर रैफर किया गया हो। यहां बीते माह भी चिकित्सकों द्वारा एक गर्भवती को रैफर कर दिया गया था। इस मामले में गर्भवती ने चिकित्सालय से 14 किमी की दूरी पर सुरक्षित नवजात को जन्म दिया। ऐसे ही खनसर घाटी से चिकित्सालय पहुंची स्वस्थ गर्भवती महिला की प्रसव कराने के दौरान हुई मौत मामले में खूब बबाल हुआ था। जिसमे सीएचसी के चिकित्साधीक्षक सहित एक अन्य चिकित्सक का तबादला कर दिया गया था। यहां चिकित्सकों और कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर कई बार स्थानीय लोगों की ओर से सवाल खड़े किये जाते रहे हैं। लेकिन चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंध करने को लेकर पुख्ता कार्रवाई नही हो सकी है।
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