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उत्तराखण्ड के तीर्थाटन पर आधारित डॉ शिवचंद रावत की पुस्तक हुई प्रकाशित

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चमोलीः राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर के इतिहास विभाग प्रभारी एवं सहायक प्रोफेसर डॉ शिवचंद सिंह रावत की पुस्तक उत्तराखंड के मंदिरों का ऐतिहासिक अध्ययन प्रकाशित हुई है। डॉ रावत की यह पुस्तक उत्तराखंड के तीर्थाटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

आर्थिक इकाई के रूप में उत्तराखंड के मंदिरों का ऐतिहासिक अध्ययनरू जनपद चमोली के प्रमुख मंदिरों के संदर्भ में ( 10वीं सदी ई0 से 1947 ई0 तक) शीर्षक से प्रकाशित यह पुस्तक भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित शोध परियोजना का पुस्तकीय संस्करण है।

इस पुस्तक में जनपद चमोली के प्रमुख मंदिरों का आर्थिक इकाई के रूप में ऐतिहासिक दृष्टि से अध्ययन किया गया है। इस पुस्तक में मंदिरों का परिचय, वैदिक काल में इस क्षेत्र की स्थिति और इसका हैमवत, उत्तर कुरु आदि के रूप में वर्णन तथा आर्यों द्वारा हिमालय के पवित्र स्थानों का उल्लेख किया गया है। डॉ शिवचंद रावत इससे पूर्व भी कई पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं जिसमें प्रमुखरूप से उत्तराखंड का आर्थिक इतिहास, गढ़वाल की अर्थव्यवस्था, हिमालय का पर्यावरणीय इतिहास, ऐतिहासिक पर्यटन हैं।
डॉ रावत के इस पुस्तक प्रकाशन पर बधाई देते हुए प्राचार्य प्रो. आरके गुप्ता ने कहा कि यह पुस्तक उत्तराखंड की नई तीर्थाटन एवं पर्यटन नीति बनाने में कारगर सिद्ध होगी।
इस अवसर पर डॉ एमके उनियाल, डॉ बीसी शाह, डॉ बीपी देवली, डॉ अनिल सैनी मीडिया कोऑर्डिनेटर डीएस नेगी आदि शामिल थे।