वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जिला कार्यालय सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक ली। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की घटनाएं न हो इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से गश्त करते रहें और आग लगाने वालों की प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। कहा कि आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी और आग लगाने वाले के संबंध में साक्ष्य (फोटोग्राफ्स/वीडियोग्राफ्स) सहित सूचित करने वाले को 10 हजार की धनराशि दी जायेगी तथा उसका नाम भी गुप्त रखा जायेगा।
जिलाधिकारी ने राजस्व प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं वन विभाग को निर्देशित किया कि आग लगने की घटनाओं की सूचना प्राप्त होते ही समन्वय बनाकर कार्य करें। सभी पटवारी कानूनगों को ऐसी घटनाओं की जानकारी तत्परता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। ताकि शरारती तत्वों पर कार्यवाही की जा सके। वहीं वन विभाग के अधिकारियों को कहा कि अपने स्तर से उस क्षेत्र के अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगे कि घटना क्यों हुई या कहां से शुरू हुई। अधिकारी की जबाबदेही तय करने के साथ डेली मानीटरिंग करने हेतु निर्देशित किया। कहा कि जिस क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं नहीं होती या वनाग्नि रोकने में जो लोग सहयोग करते हैं उन्हें भी पुरस्कृत करें।
डीएफओ बदीनाथ ने वन विभाग द्वारा की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि जिले में अब तक 110 वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं जिसमें 130 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है लगभग 6 लाख की क्षति हो चुकी है। बैठक में बताया गया कि आपदा, फायर तथा वन विभाग की संयुक्त टीमें भी गांव गांव जाकर लोगों को वनाग्नि के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
बैठक में बद्रीनाथ डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, डीएफओ केदारनाथ आईएस नेगी, डीएफओ नन्दादेवी एनवी शर्मा, एडीएम अभिषेक त्रिपाठी, एनके जोशी, बलवन्त सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े रहे।
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