चमोली: देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के पांचवे धाम श्री हेमकुन्ट साहिब जी के कपाट आज दिनांक 10 अक्टूबर 2022 को विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। सुबह होने से पूर्व ही संगतों का आना शुरू हो गया था। प्रातः 10 बजे हेड ग्रंथी भाई मिलाप सिंह जी ने अरदास की एवं सुखमनी साहिब जी के पाठ की समाप्ति प्रातः 11:25 पर की गई। इसके पश्चात् रागी जत्थे द्वारा दरबार हॉल में उपस्थित संगतों को गुरबाणी कीर्तन सुनाकर निहाल किया। इस वर्ष की यात्रा की समाप्ति की अरदास करके बैंड-बाजों की धुनों के साथ धूमधाम से पंज प्यारों की अगुवाई में गुरु साहिब जी के स्वरूप को सुखासन स्थान पर सुशोभित कर दिया गया।
पिछले दो दिनों से हो रही बर्फबारी के बावजूद संगतों के मन की श्रृद्धा व उत्साह में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं थीं। इस पावन अवसर पर लगभग 1500 श्रद्धालुओं ने मत्था टेकने का सौभाग्य प्राप्त करके गुरूघर का आशीर्वाद लिया। भारतीय सेना की 418 लाईट इंजीनियर का दल भी इस अवसर पर मौजूद रहा। इसके अतिरिक्त गुरूद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार जनक सिंह जी भी अपने जत्थे के साथ गुरू दरबार में हाजिर रहे।
गुरूद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा सभी संगतों एवं उत्तराखण्ड शासन-प्रशासन का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया। साथ ही गुरूद्वारा ट्रस्ट कृतज्ञ है हर उस सहयोगी का जिसने भी श्री हेमकुन्ट साहिब जी की यात्रा को सुखमय ढंग से संपूर्ण एवं सफल बनाने में ट्रस्ट का सहयोग दिया। इस वर्ष 2 लाख 47 हजार श्रद्धालुओं ने यात्रा का रजिस्ट्रेशन करा के श्री हेमकुन्ट साहिब यात्रा का सौभाग्य प्राप्त किया।
गुरुद्वारा ट्रस्टी एवं समस्त गुरूद्वारा कर्मचारी गण के अतिरिक्त अन्य सभी सम्मानित व धार्मिक व्यक्ति जो भी यात्रा से जुड़े हैं आशा करते हैं कि भविष्य में अगले वर्ष की यात्रा हेतु भी इसी प्रकार से सभी के सहयोग से यात्रा को सदैव सफल बनाया जाएगा। आगामी यात्रा हेतु गुरूद्वारा ट्रस्ट द्वारा यात्रा के सभी पड़ावों में यात्रियों की सुख-सुविधा में बढ़ोत्तरी करके यात्रा को और सुगम बनाने के प्रयास किए जाएगें।