जिला मुख्यालय गोपेश्वर में होमगार्ड जवान सुरेंद्र लाल अपनी नौकरी को लेकर दर-दर भटक रहा है मामला अप्रैल माह का बताया जा रहा है ,जब उच्च अधिकारियों द्वारा शहीद पार्क में प्रवेश वर्जित किया गया था।डीएम आवास के ठीक सामने बने पार्क में कोई प्रवेश न करें इसको लेकर एक होमगार्ड के जवान की तैनाती भी पार्क के बाहर की गई थी।लेकिन पार्क के बाहर ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के जवान को डीएम के बच्चे को पार्क में जाने से रोके जाने पर 3 साल तक ड्यूटी से हाथ धोना पड़ गया।अब नौकरी से बेदखल होमगार्ड का जवान दफ्तरों की चौखट पर अपनी बहाली की गुहार लगा रहा है।पीड़ित होमगार्ड जवान का कहना है कि उसे अपनी ड्यूटी निष्ठा से करने की सजा मिली है,अगर उसे पता होता कि डीएम के बच्चे को पार्क में जाने से रोकने पर डीएम उसे नौकरी से हटा देगी तो वह कभी भी ऐसा नही करता,कहना है कि ड्यूटी पर नही होने के कारण उसे घर चलाने के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।वंही एक अन्य होमगार्ड के जवान ने भी पूरे प्रकरण को अन्यायपूर्ण बताया है।
शहीद पार्क पर सुरेंद्र लाल के हटाये जान के बाद ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के जवान बुद्धि लाल का कहना है कि उन्हें सख्त आदेश दिया गया है कि पार्क में किसी को प्रवेश न करने दिया जाए,इसलिए पार्क में ताला भी लगाया गया है।
बाईट–बुद्धि लाल-पार्क में तैनात होमगार्ड
बीओ-3
मामले पर होमगार्ड के सहायक ज़िला कमांडेंट दीपक भट्ट का कहना है कि हटाये गए होमगार्ड सुरेंद्र लाल की ड्यूटी डीएम आवास के सामने बने शहीद पार्क में लगाई गई थी,ताकि कोरोना संक्रमण के दौरान कोई पार्क में प्रवेश न कर सके,होमगार्ड जवान के द्वारा डीएम के बेटे को पार्क में जाने से रोका गया,जिसके बाद डीएम कार्यालय की तरफ से हमारे कार्यलय को एक पत्र जारी किया गया,जिसमे होमगार्ड सुरेंद्र लाल द्वारा पार्क में आने जाने वाले बच्चो और अभिभावको से अभद्रता करने का हवाला देते हुए जवान को 3 साल के लिए ड्यूटी से मुक्त रखने के आदेश दिए गए है।
डीएम द्वारा जारी पत्र पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है क्योंकि अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण के चलते कोविड गाईडलाईन के अनुसार सभी पार्कों में प्रवेश वर्जित था,लेकिन पत्र में लिखा गया है कि पार्क में आने जाने वाले बच्चो और उनके परिजनों से उक्त होमगार्ड के द्वारा अभद्रता की गई,जबकी होमगार्ड का कहना है कि उसने अपनी ड्यूटी निभाते हुए एक बच्चे को पार्क में जाने से रोका था।वह डीएम का बेटा था इसकी जानकारी उसे नही थी।
हालांकि सूचना अधिकारी द्वारा बताया गया की जिलाधिकारी का कहना है कि इस मामले में उनका बच्चा पार्क में नही गया था बल्कि पार्क में कुछ बच्चे और थे जिनकी तरफ से होमगार्ड जवान की शिकायत को लेकर महिलाये आयी ।