Home उत्तराखंड 22 अगस्त से शुरू हॉगी माँ नन्दा की लोकजाता यात्रा

22 अगस्त से शुरू हॉगी माँ नन्दा की लोकजाता यात्रा

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चमोली: मां नन्दा की लोकजात यात्रा 22 अगस्त से शुरू हॉगी ओर 3 सितंबर को बालपाटा ओर बेदनी कुंड में लोकजात यात्रा का समापन होगा। इस बार दशोली की डोली अपने पारम्परिक रुट से हटकर दशोली के फर्स्वाण फाट ,निजमुला घाटी होते हुए बालपाटा पहुचेगी।

12 वर्षों में होने वाली नन्दा राजजात यात्रा की तर्ज पर माँ नन्दा की एक यात्रा हर वर्ष होती है। जिसे नन्दा लोक जात यात्रा कहा जाता है। माँ नन्दा की लोक जातयात्रा माँ नन्दा के मायके सिद्ध पीठ कुरुड़ मन्दिर से होती है । हर वर्ष होने वाली इस यात्रा का आयोजन मन्दिर समिति ओर छेत्रीय लोगो द्वारा किया जाता है। इस यात्रा में माँ नन्दा की डोलिया निकलती हैं। जिसमे दशोली ओर बधाण की डोली विभिन्न गांवों से होती हुई दशोली की डोली बालपाटा ओर बधाण की डोली बेदनी कुंड पहुचती है जहां पर पूजा अर्चना के साथ इस यात्रा का समापन माना जाता है और बालपाटा से दशोली की डोली वापस कुरुड़ मन्दिर पहुचती है। और बेदनी से बधान की डोली माँ नन्दा के ननिहाल देवराडा पहुचती है और 6 माह तक माँ नन्दा की डोली यही विराजमान रहती है।

यात्रा की चुनोतियाँ: माँ नन्दा की डोली ग्रमीण छेत्रो से होकर गुजरती है, पैदल सम्पर्क मार्ग ओर पुलिया छती ग्रस्त होने से यात्रा में जोखिम भरे रास्तो से होकर गुजरना पड़ता है। मां नन्दा की लोकजात यात्रा का प्रस्तावित रूट निजमुला घाटी से है जहां इन दिनों पाना ईरानी गांव को जोडने वाले सभी पैदल पुल क्षतिग्रस्त है।