Home उत्तराखंड मानसी नेगी बनी कोच, मुख्यमंत्री ने दिया नियुक्ति पत्र

मानसी नेगी बनी कोच, मुख्यमंत्री ने दिया नियुक्ति पत्र

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उत्तराखण्ड के पहाड़ी राज्य होने के चलते यहां की भौगोलिक विषमता यहां के जीवन को जटिल बनाती हैं। लेकिन जब इन जटिलताओं के साथ संघर्ष कर अपनी क्षमताओं को निखारने का प्रयास किया जाता है। तो ये जटिलताएं कामयाबी का कारण बन जाता है। ऐसी एक कहानी को यर्थाथ धरातल पर उतारा है चमोली जनपद के मजोठी गांव की “मानसी” ने……

मानसी ने अपने संघर्ष के बीच अपने हुनर को पहचाना और सतत प्रयास से अपनी विश्व स्तर पर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है। मानसी अब पहाड़ी की बेटियों की ऊंची उड़ान की प्रेरणा बन गई है।

मानसी के जीवन का संघर्ष वर्ष 2016 में पिता की मृत्यु के साथ शुरु हुआ, लेकिन गुरबत के दिनों में भी मानसी की माँ श्रीमती शकुंतला देवी ने उसे पढने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। ऐसे में वर्ष 2018 में मानसी के सपनों को परवाज तब लगी जब मानसी ने “खेलो इंडिया खेलो” प्रतिस्पर्धा में “रेस वॉक” में राष्ट्रीय स्तर पर “गोल्ड मेडल” हासिल किया। इसके बाद 2021 में राष्ट्रीय खेल में सिल्वर मेडल, 2022 में नेशनल जूनियर एथलेटिक्स खेलों में भी रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया। इसके बार मानसी ने यूनिवर्सिटी लेवल कॉम्पिटीशन, ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स सहित अलग अलग स्पर्धाओं में जीत दर्ज कर चमोली जनपद का नाम रोशन करते हुए अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।

मानसी के सतत लक्ष्य की ओर बढ़ रहे कदम जहां उसके धैर्य और दृढ़इच्छा के साथ मजबूत होते रहे। वहीं गुरबत के दौर में दूध बेचकर बेटी (मानसी) की छोटी आंखों को बड़े सपने देने वाली अपनी माँ के संघर्ष और विश्वास को भी खेलों में जीत के साथ जीत दिलाती रही।

मानसी के इस संघर्ष का प्रतिफल जहां एक ओर उसे वैश्विक पहचान के रूप में मिली। वहीं आज खेल दिवस के मौके पर उत्तराखंड सरकार ने मानसी की खेल प्रतिभा का सम्मान किया और मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami जी ने मानसी को खेल विभाग में असिस्टेंट कोच के रुप नियुक्ति का पत्र प्रदान किया है। ये नियुक्ति पत्र किसी खिलाड़ी का मुकाम नहीं होता, लेकिन उसके लक्ष्य प्राप्ति के सफर में बड़ा सहयोगी होता है। मानसी का सफर लम्बा है, हमें उम्मीद है कि मानसी की जीत का ये सिलसिला अनवरत चलता रहेगा।