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एक राज्य एक राजधानी मेरी राजधानी गैरसैंण: पहाडी आर्मी

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24 सितंबर 2021 को चमोली जिले के गोपेश्वर में पहाड़ी आर्मी की एक प्रेस वार्ता हुई जिसमें पहाड़ी आर्मी के संयोजक हरीश रावत ने कहा कि
उत्तराखंड राज्य के शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए पहाड़ के ज्वलंत मुद्दों पर जन आंदोलन करने वह उत्तराखंड के युवाओं को न्याय दिलाने के लिए पहाड़ी आर्मी की स्थापना हुई है जिसमें पहाड़ की मूल स्थापना के लिए गैरसैण स्थाई राजधानी बनाना अति आवश्यक है पहाड़ के युवाओं को स्थाई रोजगार देना अत्यावश्यक है जिसके लिए पहाड़ी आर्मी संघर्ष करेगी
उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुए 21 वर्ष हो गए पर अभी भी यह देश का एकमात्र राज्य है जिसकी कोई स्थाई राजधानी नहीं है उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए यहां के नौजवान माताओं बहनों और बुजुर्गों ने बहुत कुर्बानियां दी लेकिन राज्य बनने के बाद यहां के जनप्रतिनिधियों ने राज्य के हित में काम न कर सिर्फ अपने व्यक्तिगत हितों को साधने का काम किया कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति वाले मुख्यमंत्रियों में उत्तराखंड राज्य के राज्य आंदोलनकारियों के उद्देश्यों को पूरा करने एवं जनता के हित में कोई मजबूत कदम नहीं उठाया है जिसकी वजह से पलायन बेरोजगारी सूअर बंदरों का आतंक सड़क स्वास्थ्य एवं शिक्षा के बदतर हाल हो गए !


पिछले 20 वर्षों में अपने राजनीतिक फायदे के लिए गैरसैण को सभी राजनीतिक दलों ने अपने अपने हिसाब से जनता को चूरन चटाया किसी ने भूमि पूजन किसी ने भवन निर्माण और किसी ने ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर इसके कपाट खोल दिए जो सिर्फ और सिर्फ जनता के भावनाओं के साथ भद्दा मजाक है
पहाड़ी आर्मी स्थाई राजधानी के लिए आंदोलन कर रही है और एक सितंबर से उत्तराखंड की जनता के बीच जाकर जनमत संग्रह और संकल्प यात्रा शुरू किया जिसमें हल्द्वानी नैनीताल लाल कुआं देहरादून गैरसैण रानीखेत करणप्रयाग चमोली आदि जगहों से अब तक 25,000 से अधिक जनमत संग्रह करा लिया गया है जनमत संग्रह के बाद जनमत पत्रों को प्रदेश के मुख्यमंत्री सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों को सौंपेगी जनमत संग्रह के साथ-साथ प्रदेश भर में नुक्कड़ सभा जागरूकता अभियान और जन आक्रोश रैली कर रही है . 23 मार्च 2018 को त्रिवेंद्र सरकार की गैरसैंण में पहले सत्र के दौरान आंदोलनकारियों ने विधानसभा का घेराव किया इस दौरान 39 आंदोलनकारियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए जिसमें से 38 आंदोलनकारियों ने 5 दिन रह कर ले ली मगर पहाड़ी आर्मी के संस्थापक सदस्य प्रवीण सिंह काशी ने कहा हमने जनता के हित की बात कही है जनता के हक हुकूप की लड़ाई लड़ी है कोई अपराध नहीं किया है इसके लिए जेल में रहना पसंद करूंगा पर बेल नहीं लूंगा
14 सितंबर 2021 को गैरसैण में आंदोलन के दौरान प्रवीण सिंह काशी की हेयरिंग थी यहां से उनको चमोली जिला कारागार पुर साड़ी ले जाया गया जहां उन्होंने 19 सितंबर 2021 से सत्याग्रह आमरण अनशन शुरू कर दिया जेल प्रशासन में मेडिकल सुविधाएं न होने का हवाला देकर उनको जिला अस्पताल गोपेश्वर भेज दिया जहां उनका 6 दिनों से लगातार अनशन चल रहा है उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है उनका वेट 800 ग्राम कम हो गया है कीटोन पॉजिटिव है जो स्वास्थ्य के लिए अशुभ संकेत है
मेरा मुख्यमंत्री उत्तराखंड से निवेदन है कि इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर प्रवीण सिंह काशी का अनशन तुरंत तोड़े और उनको ऊपर लगे मुकदमे वापस लें उनको तुरंत रिहा किया जाए पक्ष विपक्ष के कोई भी जिम्मेदार नेता उत्तराखंड हित के लिए अभी तक उनके स्वास्थ्य हां हाल-चाल लेने के लिए नहीं आए यह बड़ी शर्मनाक बात है पहाड़ी आर्मी संगठन उत्तराखंड की जनता से निवेदन करती है उत्तराखंड के हित के लिए एक आंदोलनकारी व्यक्ति इतना बड़ा त्याग कर रहा है तो उनका यह त्याग खाली न रह जाए उसके लिए आंदोलन से जुड़े और आंदोलन को मजबूत करें पहाड़ी आर्मी संयोजक हरीश रावत ने कहां जब तक परवीन सिंह काशी पर लगे मुकदमे वापस नहीं होंगे और हमारी मांग पूरी नहीं होगी हरीश रावत ने कहा बाबा मोहन उत्तराखंडी ने लगातार 23 दिनों तक आमरण अनशन किया प्रशासन व सरकार की लापरवाही से उनकी शहादत हुई मौत हुई आज फिर सरकार प्रवीण सिंह काशी के मौत का इंतजार कर रही है


पहाड़ी आर्मी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन को तेज करेगी जिसमें धरना क्रमिक अनशन चक्का जाम अन्य उग्र आंदोलन होगा इस आंदोलन में कोई भी जनहानि और धन हानि होती है तो उसके लिए प्रदेश की सरकार और प्रशासन पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगी
प्रेसवार्ता में सयोजक हरीश रावत ,अमित पांडे हर्ष वर्धन जोशी, आयुष कुमार कमलेश पांडेय आदि मौजूद रहे।