Home उत्तराखंड डीएम ने किया दुर्मिताल का स्थलीय निरीक्षण

डीएम ने किया दुर्मिताल का स्थलीय निरीक्षण

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मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रशासन ने किया कार्यवाही शुरू

दुर्मिताल ताल का होगा भूगर्भीय सर्वे
पूर्वमुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिया शोसियल मीडिया से समर्थन
पर्यावरण विद् चण्डीप्रसाद भटट ने भी दिया समर्थन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पत्र से दिया समर्थन

चमोली -1970 में टूटे हुए दर्मिताल के पुर्ननिर्माण की मांग तेज होने लगी हैं। दशोली ब्लाॅक के दुर्मि गांव के समीप स्थिति दुर्मिताल केा लेकर वर्तमान समय में ग्रामीण और राजनीतिक संगठन समाजिक संगठनए के साथ शासन और प्रशासन भी इस मुहिम केा आगे बढाने के लिए सक्रीय हो गया है। सोमवार को जिलाधिकारी चमोली विभिन्न विभागो के साथ दुर्मिताल पहुंचीए इस दौरान उन्होनंे दुर्मिताल का स्थलीय निरीक्षण किया और इस ताल की एतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी ली। वहीं इसके पुर्ननिर्माण को लेकर क्षेत्र मंे स्वरोजगार की संभावनोंओं पर क्षेत्र वासियों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने स्थानीय युवाओं द्वारा दुर्मिताल से खोदकर एक नाव निकाली गई थी इसका भी जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया और निर्देशित किया गया कि इस नाव को धरोहर के रूप में सुरक्षित रखा जायेगा। ताकि दुर्मिताल क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को इस नाव को देखते हुए यहंा के इतिहास की जानकारी भी मिल पायेगी।

 

जिला काॅपरेटिव संघ के जिलाध्यक्ष गजेन्द्र रावत ने बताया कि स्वतंत्रता से पूर्व भी इस ताल का अपना एतिहासिक महत्व रहा है जो आज विलुप्त हो चुका है इस ओर कभी भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया उन्होंने कहा कि अगर दुर्मिताल का पुनर्निमाण हेाता है तो पूरा निजमूला क्षेत्र के साथ चमोली जिले में स्वरोजगार के लिए बहुत बडा हब यह ताल बन सकता है क्षेत्र हित बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ताल बनने के लिए पूरा क्षेत्र स्थानीय स्तर के साथ शासन और प्रशासन के सामने इस विषय पर गंभीरता से काम करेगा।

 

इस मुहिम को चार चांद लगाने वाले मोहन सिंह नेगी ग्राम प्रधान ईराणी ने बताया कि क्षेत्र ओर जिले वासियों के हित को देखते हुए सभी युवाओं ने दर्मिताल के पुननिर्माण की मांग उठाई है। उन्होंने मंच से कहा कि निजमूला घाटी वर्तमान समय सबसे मजबूत स्थिति मे है और दुर्मिताल के निर्माण की आशाएं भी उतनी ही अधिक हैं। उन्होंने कहा कि समस्त क्षेत्रवासियों की मांग है कि दुर्मिताल बने ओर इसका लाभ पूरे क्षेत्र के साथ जिले को हो।

 

. वहीं जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने दुर्मिताल के स्थलीय निरीक्षण के बाद बताया कि स्थानीय लोगों की मांग को देखते और इस ताल से रोजगारी संभावनाओं को देखते हुए सरकार के निर्देशानुसार इस सर्वे करने के बाद भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाया जायेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इस क्षेत्र के लिए प्राथमिक व्यवस्थाओं के लिए संपर्क मार्गए मूलभूत कुछ सुविधाओं का निर्माण किया जायेगा।वहीं ताल निर्माण के लिए शासन को प्रोजेक्ट बनाकर भेजा जायेगा।

भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट ने कहा कि सरकारी दुर्मिताल के पुर्ननिर्माण को लेकर गंभीर है और इस मामले में लगातार सूबे के मुखिया प्रशासन इस पर किये जाने वाले कार्यो को लेकर वार्तालाप कर रहे हैं सरकारी इस ताल की अहमियत को समझते इस पर जरूर काम करेगी और क्षेत्रीय लोगोें की भावनाओं ओर रोजगार को देखते इस योजना को अमली जामा पहनाया जायेगा।

इस मौके पर जिलापंचायत सदस्य दीपा देवी, ईराणी प्रधान मोहन सिंह,महेेन्द्र सिंह लक्षमण सिंहए सुन्दर फस्वाण, मनवर सिंह, दिनेश सिंहए गजेनद्र रावत उपजिलाधिकारी चमोली बुसरा अंसारी जलसंस्थाए पीएमजीएसवाईए खण्डविकास आदि विभागों के अधिकारी कर्मचारी मोजूद रहे।