भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय लखनऊ द्वारा स्वच्छता एक्शन प्लान के तहत स्वच्छता गतिविधियों के लिए राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर चमोली का चयन किया गया। जिनका कियान्वयन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों द्वारा वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ पूजा राठौर कार्यक्रम अधिकारी डॉ भालचंद नेगी और ममता असवाल के दिशा निर्देशन में दिनांक 09.02. 2021 से 28.02.2021 तक किया गया।स्वच्छता एक्शन प्लान के समापन कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्य प्रोफ़ेसर (डॉ) आर .के. गुप्ता जी का स्वागत पौधारोपण द्वारा व सरस्वती वंदना एवं एनएसएस लक्ष्य गीत प्रस्तुत कर और प्राचार्य जी द्वारा ने द्वीप प्रज्वलित किया गया। इस अवसर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ पूजा राठौर ने स्वच्छता एक्शन प्लान की कार्य योजना के विभिन्न स्वच्छता गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के स्वयंसेवक स्वच्छ भारत अभियान की मूल भावना ‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत ‘के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करने और निजी एवं सार्वजनिक स्थलों को अपने घर की तरह साफ सुथरा रखें ताकि स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का सपना पूरा हो सके। प्राचार्य प्रोफ़ेसर(डॉ) आरके गुप्ता जी द्वारा सभी उपस्थित स्वयंसेवकों को किए गए सभी स्वच्छता एक्शन प्लान गतिविधियों के दौरान किए गए कार्यों के लिए बधाई दी| तत्पश्चात स्वयंसेवीयों को प्रेरित करते हुए उनके कार्य के लिए प्राचार्य जी द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पत्र दिए व स्वच्छता के महत्व को बताते हुए विशेष तौर पर विषम परिस्थितियों में जीवनशैली में व्यवहार परिवर्तन कर प्रकृति और पर्यावरण को स्वच्छ रखने एव स्वास्थ को बेहतर बनाने के गुर बताए गए।नागरिक होने के नाते हम सबका फर्ज है कि न गंदगी फैलाएं और न फैलने दें।
राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के स्वयंसेवकों द्वारा बताया गया कि आयोजित स्वच्छता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी से उनको यह विश्वास हुआ की निश्चित ही आओ एक कदम बढ़ाए भारत को स्वच्छ बनाएं के सूत्र वाक्य को साकार करने में मदद करेंगी, अभी सब भविष्य में इसी प्रकार से हमेशा कार्यरत रहेंगे ऐसा विश्वास दिलाया| डॉ भालचंद्र नेगी व डॉ ममता अस्वाल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी को संबोधित किया तथा एन एस एस स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया |कार्यक्रम में उपस्थित डॉ एस.एस. रावत, द्वारा प्रेरित करते हुए बताया कि स्वच्छता की शुरुआत स्वयं से करने पर बल दिया। उन्होंने स्वयंसेवकों को बताया कि दुनिया के सभी समाजों में स्वच्छता का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। शिक्षा के साथ सामुदायिक सेवा से छात्र-छात्राओं में नागरिक दायित्व बोध विकसित होता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता के स्वप्न को साकार करने में इस प्रकार के कार्यक्रम निश्चित ही स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में सहयोगी सिद्ध होंगे।