Home उत्तराखंड राष्टीय पल्स पोलिया अभियान में 0 से 5 वर्ष के 32325...

राष्टीय पल्स पोलिया अभियान में 0 से 5 वर्ष के 32325 बच्चों को पिलाई गई पोलिया प्रतिरक्षण की खुराक

20
0
चमोली : राष्ट्रीय पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान के तहत रविवार को जिले में शून्य से 5 वर्ष के 32325 बच्चों को पोलियो प्रतिरक्षण दवा पिलाई गई। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने प्राथमिक विद्यालय गोपेश्वर में बनाए गए पल्स पोलियो बूथ पर नौनिहालों को पोलिया ड्राॅप पिलाकर पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने सभी अभिभावको से अपील की है कि वे अपने 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं। जो बच्चे किसी कारण से पोलियों बूथ पर दवा लेने से छूट गए है उनको 01 व 02 फरवरी को घर-घर जाकर पोलियो खुराक दी जाएगी।
पल्स पोलियो दिवस पर रविवार को जिलाधिकारी गोपेश्वर गांव के प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए पल्स पोलियो बूथ पहुॅचे। यहाॅ पर नौनिहालों को पोलिया खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी स्वास्थ्य टीमों से कहा कि वे फिल्ड में पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। कहा कि शून्य से 5 साल तक का कोई भी बच्चा पोलियो खुराक से वंचित न रहे। बूथ दिवस पर किसी कारणवश यदि कोई बच्चा छूट जाता है तो डोर-टू-डोर कार्यक्रम के अंतर्गत उस बच्चे को दवा अवश्य पिलाए। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन बच्चों को पोलियों ड्राप दी जानी है अगले चरण से उनकी सूची भी पोलियो बूथ पर रखे तथा जिन बच्चों ने बूथ पर दवा ले ली है सूची में मार्क करें। ताकि डोर-टू-डोर अभियान में ऐसे बच्चों के घरों में स्वास्थ्य टीम को अनावश्यक दुबारा जाने की आवश्यकता न रहे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 जीएस राणा ने बताया कि राष्ट्रीय पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान के तहत रविवार को जिले में 606 बूथों पर शून्य से 5 साल तक के 39,770 बच्चों को पोलियो प्रतिरक्षण खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया था। रविवार को बूथ दिवस पर शून्य से 5 वर्ष के 32325 बच्चों को पोलियो प्रतिरक्षण दवा पिलायी गई। जो बच्चे छूट गए है उन्हें अब 01 व 02 फरवरी को घर-घर जाकर पोलियों खुराक दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रमुख स्टेशन कर्णप्रयाग, थराली, जोशीमठ, चमोली तथा गोपेश्वर में टांªजिट बूथों पर वाहनों में आने जाने वाले यात्रियों के बच्चों को पोलियो प्रतिरक्षण खुराक पिलाई गई। वही मोबाइल बूथों के माध्यम से निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के बच्चों को भी पोलिया खुराक दी गई।